Edited By ,Updated: 05 May, 2017 09:20 AM
खुद को इंसान कहना हमें बड़े गुरूर से भर देता है।
इलाहाबाद(सैय्यद रज़ा): खुद को इंसान कहना हमें बड़े गुरूर से भर देता है। एक झटके में हम तमाम कुदरत से उपर उठ जाते हैं। हम जानवर नहीं हैं, वहशी नहीं हैं। हम इंसान हैं, लेकिन इंसान हम तभी तक रहते हैं जब तक हम भीड़ हो जाने से बचे रहते हैं। इलाहाबाद की सड़कों में जो कुछ हुआ है, वो इसका अफसोसजनक उदाहरण है।
इलाहाबाद की सबसे व्यस्ततम इलाका रामबाग चौराहे के समीप भीड़ ने कानून को अपने हाथ में ले लिया और चोरी का आरोप लगा कर एक युवक की जमकर पिटाई कर उसे लहुलुहान कर दिया। यहां पर सबसे हैरत की बात यह है कि ये सब ‘इंसाफ’ के नाम पर हुआ। भीड़ में करीब सैकड़ो लोग शामिल थे। काफी देर बाद पुलिस आई फिर जाकर मामला शांत हुआ।