Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Sep, 2017 04:11 PM
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय(बीएचयू) एक एेसा नाम जो देश की सबसे बड़ी लिविंग यूनिवर्सिटी होने के साथ-साथ छात्राओं के प्रदर्शन के चलते आजकल चर्चित है....
वाराणसीः बनारस हिंदू विश्वविद्यालय(बीएचयू) एक एेसा नाम जो देश की सबसे बड़ी लिविंग यूनिवर्सिटी होने के साथ-साथ छात्राओं के प्रदर्शन के चलते आजकल चर्चित है। प्रदर्शन हो भी क्यों ना क्योंकि छात्राओं के साथ यहां मनचले होस्टल के बाहर अश्लीलता करते है पर पुलिस आरोपियों की जगह पीड़िताओं पर ही लाठियां भांजती है।
सभी आला अधिकारियों ने की शांति की अपील
वहीं अब 3 दिन से लगातार चल रहे प्रदर्शन ने जब उग्र रुप धारण कर लिया है तो डीएम, एसएसपी और कमिश्नर को शांति की अपील करने की बात जहन में आई है। उधर इस मामले में बीएचयू के कुलपति जीसी त्रिपाठी ने चुप्पी साध रखी है।
कुलपति ने साधी चुप्पी
दरअसल डीआईजी वाराणसी के साथ कुछ और बड़े प्रशासनिक अधिकारी अभी बीएचयू से वार्ता करने पहुंचे हैं। कल भी कुलपति से घंटो बैठक हुई थी। अधिकारियों के समझाने के बाद भी कुलपति अपनी जिद पर अड़े हैं वो झुकने को तैयार नहीं है।
जिद पर अड़े झुकने को नहीं तैयार
वो छात्राओं के बीच आने से मना कर चुके थे। बीती रात आवास पर हुई बैठक के बाद ही हिंसा भड़की थी। बता दें कि बीएचयू कैंपस में 2 दिन से चल रहा धरना प्रदर्शन शनिवार देर रात हिंसक हो गया। छात्र- छात्राओं पर लाठीचार्ज के बाद रात भर बवाल चला। रविवार सुबह छात्राओं द्वारा साइलेंट मार्च निकाले जाने के बाद महिला छात्रावासों को जबरन खाली कराया जा रहा है।
2 अक्तूबर तक बंद रखने के आदेश
वहीं विश्वविद्यालय को शनिवार रात से ही 2 अक्टूबर तक बंद कर दिया गया है। एमएमबी और रानी लक्ष्मीबाई हॉस्टल की लड़कियों से जबरन हॉस्टल खाली कराया जा रहा है। पूर मामले में बीएचयू कुलपति की चुप्पी हतप्रभ करने वाली है।
कहीं कुलपति की जिद्द ना पड़ जाए महंगी
इसी बीच आज सुबह आंदोलनरत छात्राओं ने सुबह साइलेंट मार्च निकाला। छात्राओं ने फिर सुबह कुलपति और विश्वविद्यालय के खिलाफ हुंकार भरी है। कुलपति जीसी त्रिपाठी अपनी जिद पर अड़े हैं। वो छात्राओं से बात करने को तैयार नहीं हैं।