Edited By ,Updated: 25 Oct, 2016 07:56 PM
पारिवार में मचे सियासी घमासान को शांत करने के लिए सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने नया फॉर्मूला निकाला है। सूत्रों के मुताबिक संगठन की जिम्मेदारी शिवपाल यादव संभालेंगे, लेकिन ...
लखनऊ: पारिवार में मचे सियासी घमासान को शांत करने के लिए सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने नया फॉर्मूला निकाला है। सूत्रों के मुताबिक संगठन की जिम्मेदारी शिवपाल यादव संभालेंगे, लेकिन टिकट बांटने का काम अधिकार मुख्यमंत्री अखिलेश के पास रहेगा। साथ ही 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का चेहरा भी अखिलेश यादव ही होंगे।
सोमवार को पूरे दिन चले सियासी ड्रामे के बाद अब सुलह के आसार बनते नजर आ रहे हैं। दिनभर चले हाई वोल्टेज ड्रामे और बैठकों के बाद प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए मुलायम सिंह ने कहा कि सपा में कोई विवाद नहीं है। पार्टी और परिवार दोनों एक हैं। मुख्यमंत्री को लेकर पूछे गए सवाल पर मुलायम ने कहा कि मुख्यमंत्री पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है। अखिलेश ही मुख्यमंत्री बने रहेगें। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि साल 2017 के चुनाव में पार्टी को बहुमत मिलने पर सीएम का फैसला किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक मुलायम ने आदेश जारी कर दिया है कि संगठन की कमान शिवपाल के हाथ में रहेगी, लेकिन टिकट बांटने का अधिकार अखिलेश के पास रहेगा। सूत्रों के मुताबिक सोमवार को विधायकों की मीटिंग में अखिलेश ने कहा कि पार्टी नेता जी और उनकी है। इसलिए टिकट वो ही बांटेंगे यानी टिकट बांटने के बहाने लड़ाई उत्तराधिकार की भी है। यह सबको पता है कि अखिलेश यादव नेता जी के स्वाभाविक उत्ताराधिकारी हैं, लेकिन नेता जी का भाई प्रेम न तो अखिलेश को रास आ रहा है और न ही उनके समर्थकों को।
बहरहाल, अगर सूत्रों पर यकीन किया जाए तो अब मुलायम के फॉर्मूले से सुलह होने जा रही है, लेकिन सवाल है कि यह फॉर्मूला कितना टिकाऊ होगा, अखिलेश और शिवपाल तत्काल भले ही सुलह कर लें लेकिन भीतर खाने सब कुछ ठीक हो जाएगा ऐसा कहना अभी मुश्किल है।
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