प्रवीण तोगडिय़ा का मोदी सरकार पर बड़ा हमला

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jun, 2017 05:20 PM

rubber bullets on stonebags and bullets being run on farmers pravin togadia

विश्व हिन्दू परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगडिय़ा ने केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है।

बरेली(सुनील सक्सेना): विश्व हिन्दू परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगडिय़ा ने केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश के किसानों के साथ हुए अन्याय पर तोगडिय़ा ने कहा, ‘कश्मीर में पत्थरबाजों पर रबर की गोलियां चलाई जाती हैं और मध्य प्रदेश में किसानों पर बुलेट चल रही हैं। देश भर में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। यह आत्महत्या नहीं नरसंहार है।’ तोगडिय़ा इंवर्टिस विवि में किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान ये बातें कही। 

किसानों का हो रहा नरसंहार
साथ ही तोगडिय़ा ने कहा, ‘किसान जब समृद्ध था तब देश सोने की चिडिय़ा था। टाटा, रिलायंस, बिरला आदि नहीं थे। 300 साल पहले उद्योग ने देश में कदम रखा था। उस काल में कृषि समृद्ध थी, लेकिन मुगलों के समय में आकर कृषि उत्पादन प्रभावित हो गया।’ ‘अंग्रेजों के समय भी किसानों पर कर आदि के बोझ लाद दिए गए। अब स्वतंत्र भारत में किसान सबसे बुरे हाल में है। हर साल हजारों किसान आत्महत्या कर रहे हैं। उनका नरसंहार हो रहा है। बावजूद इसके सरकारों की नींद नहीं उड़ रही है।’

नहीं बढ़ाई जा रही किसानों की आमदनी 
उन्होंने कहा, ‘पहले जीडीपी में कृषि का हिस्सा 44 प्रतिशत था। किसानों की संख्या 30 करोड़ थी। अब किसानों की संख्या 70 करोड़ हो गई, जीडीपी में कृषि का हिस्सा 14 प्रतिशत हो गया।’ ‘आजादी के समय किसान को दो रुपये मिलते थे, लेकिन अब घटकर 25 पैसे मिल रहे हैं। सरकार सिनेमा, फोरलेन, मॉल बनवा रही है, लेकिन किसानों की आमदनी नहीं बढ़ाई जा रही है।’

सरकार ने 200 उद्योगपतियों का 50 लाख करोड़ कर्ज माफ किया
तोगडिय़ा ने कहा, ‘देश के 12 उद्योगपति 1.75 लाख करोड़ रुपए खा गए। 200 उद्योगपतियों पर 50 लाख करोड़ रुपए का कर्ज बिना चर्चा माफ कर दिया गया, लेकिन किसानों की बात आती है तो केंद्र व राज्य एक-दूसरे पर टालते हैं।’ ‘सरकार उद्योगपतियों के लिए समाजवाद व किसानों के लिए पूंजीवाद का रास्ता अपना रही है। यह ठीक नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने किसानों के उद्धार करने की बात अपने घोषणा पत्र में कही थी। अब संसद में किसानों के लिए विशेष सत्र बुलाकर उनकी लागत का डेढ़ गुना मूल्य दिलाया जाए। स्वामी रंगनाथन की रिपोर्ट लागू की जाए।’ 

नीति आयोग को दी चुनौती 
तोगडिय़ा ने नीति आयोग को चुनौती देते हुए कहा, ‘किसानों के लिए योजना बनाने वाले अफसर कितने गांवों तक पहुंचे? उनके नाम बताएं?’ ‘एसबीआइ की महिला चेयरमैन टेलीफोन कंपनियों के लिए रास्ता खोल रही हैं लेकिन किसानों के कर्ज के लिए निर्णय नहीं ले रही हैं।’ 

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