एक बार फिर शक के घेरे में पूर्व की अखिलेश सरकार, इन भर्तियों पर होगी CBI जांच

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Dec, 2017 12:47 PM

once again akhilesh government in circle of doubt

जब से प्रदेश पर बीजेपी की सत्ता काबिज हुई है पूर्व की अखिलेश सरकार के नित नए घोटाले सामने आ रहे है। इसी कड़ी लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के माध्यम से हुई 20 हजार भर्तियों पर भी सीबीआई की तलवार लटकने जा रही है, जोकि अखिलेश यादव की नेतृत्व वाली...

लखनऊः जब से प्रदेश पर बीजेपी की सत्ता काबिज हुई है पूर्व की अखिलेश सरकार के नित नए घोटाले सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के माध्यम से हुई 20 हजार भर्तियों पर भी सीबीआई की तलवार लटकने जा रही है, जोकि अखिलेश यादव की नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी की सरकार में हुईं थीं।

बता दें उक्त विभाग में 1 मार्च 2012 से लेकर 31 मार्च 2017 के बीच हुई करीब 20 हजार भर्तियां सीबीआई जांच के दायरे में हैं। जिसमें पीसीएस से लेकर डॉक्टर और इंजीनियर तक के पद शामिल थे।

इलाहाबाद में छात्रों ने भर्तियों में बड़े पैमाने पर हुए धांधली का आरोप लगाते हुए लंबा आन्दोलन भी चलाया था। सीबीआई जल्द ही इस मामले में एफआईआर दर्ज करेगी।

दरअसल योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद ही सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी गई थी और केंद्र सरकार से आग्रह किया गया था कि सीबीआई से यूपीपीएससी की भर्तियों की जांच कराई जाए।

उल्लेखनीय है कि यूपीपीएससी के अध्यक्ष पद पर अनिल यादव की तैनाती पर खासा कोहराम भी मचा था। उन पर आरोप लगे थे वे पद के लिए योग्य नहीं थे। इतना ही नहीं पुलिस ने उन पर कई मुकदमें भी दर्ज थे। यह भी आरोप लगा था कि उनकी नियुक्ति राजनीतिक आधार पर हुई थी। बाद में मामला हाईकोर्ट पहुंचा और उन्हें पद से हटना पड़ा।

यह भी आरोप लगा है कि आयोग में नियमों को ताक पर रखकर भर्तियां की गई। परीक्षा केंद्र तय करने में मनमानी की गई। भर्ती से जुड़े करीब 700 मामले अदालतों में लंबित हैं।

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