Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Sep, 2017 06:09 PM
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्राओं पर लाठीचार्ज को आजाद भारत के इतिहास की सबसे बड़ी ‘अमानवीय’ घटना करार देते हुए लोकसभा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बेटियों के प्रति...
वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्राओं पर लाठीचार्ज को आजाद भारत के इतिहास की सबसे बड़ी ‘अमानवीय’ घटना करार देते हुए लोकसभा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बेटियों के प्रति असंवेदनशील रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।
जन अधिकार पार्टी के संरक्षक एवं बिहार विधान सभा का प्रतिनिधित्व कर चुके एवं 2014 में पांचवीं बार लोकसभा पहुंचे यादव बड़ी संख्या में अपने समथर्कों के साथ बीएचयू परिसर में छात्राओं से यहां मिलने पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने से रोक दिया। इसके बाद मुख्य द्वार पर समर्थकों के साथ बीएचयू प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
महिषासुर’ से की योगी की तुलना
संवाददाताओं को संबोधित करते उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना ‘महिषासुर’ से की और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को खुद ऐसे ‘महिषासुर’ को हटाने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि तानाशाह शासक हिटलर की तरह योगी सरकार छात्राओं के लोकतांत्रिक अधिकारों की अनदेखी ही नहीं कर रही,बल्कि उस पर हमले कर रही है।
योगी के शासन में निरंकुश हो गई है पुलिस
उन्होंने कहा कि उनके शासन में पुलिस निरंकुश हो गई है। उन्होंने उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय से घटना की गंभीरता समझते हुए स्वत: संज्ञान लेने की गुजारिश की है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार बीएचयू की छात्राओं पर ‘बर्बर’ कार्रवाई को रोकने के लिए अपना बुनियादी फर्ज भी नहीं निभा पायी और अब तक कुलपति पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिससे पीड़ित छात्राओं के साथ उन्हें लगता है कि सरकार मामले की अनदेखी कर रही है। यही वजह है कि उन्होंने माननीय न्यायालय से न्याय की उम्मीद करते हुए हस्तक्षेप करने की गुहार लगायी है।
...तो राष्ट्रव्यापी आन्दोलन करेंगे शुरू
पप्पू यादव ने कहा कि अदालत यदि खुद संज्ञान नहीं लेगी तो उनकी पार्टी पीआईएल दाखिल करेगी और बिहार बंद के साथ राष्ट्रव्यापी आन्दोलन की शुरूआत करेगी। उन्होंने कुलपति प्रो0 गिरीश चंद्र त्रिपाठी को घटना का सबसे अधिक जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें तत्काल बर्खास्त करने एवं उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की।