भारत में स्वदेशी राखियों से सजेंगी भाईयों की कलाईयां, चाइनीज का किया बहिष्कार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Aug, 2017 06:11 PM

brothers wrists chinese boycott of cows from indigenous people in india

भारत और  चीन के तनाव का असर अब बाजार में दिखने लगा है।अब रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाईयों को स्वदेशी राखियां ही बाधेंगी......

वाराणसीःभारत और  चीन के तनाव का असर अब बाजार में दिखने लगा है।अब रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाईयों को स्वदेशी राखियां ही बाधेंगी।पिछले कुछ सालों से बाजार में छायी चाइनीज राखियों का बहनो ने बहिष्कार कर  दिया है। रक्षा बधंन पर देशी राखियों से ही अपने भाई की कलाई सजाने का मन बनाया है। बाजार में चाइनीज राखियों के भरमार के बाद भी बहनें इंडियन राखी को ही खरीदना पसंद कर रही है।जिन दुकानों पर इंडियन राखियाँ नहीं वहाँ खरीदारों की भीड़ भी नहीं है। ग्राहकों की डिमांड को देखते हुए दुकानदारों ने भी चाइनीज राखियों के बजाय इंडियन राखियों से ही अपनी दुकानें सजाई है।

भाई-बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन 7 अगस्त को हैं। शहर में बाजार खूबसूरत राखियों से सज गया है।  बाजार में ब्यूटीफुल फ्लावर , फैंसी स्टार राखियों के अलावा जरी वर्क वाली एंटिक राखियां भी हैं, तो कौड़ी’, ‘‘स्टोन’, ‘‘मौली’, ‘‘शंख’, ‘‘मोती’ वाली राखियों ने धूम मचा रखी है। मौली वाली राखियों ने तो सबको पीछे छोड़ दिया है। खरीददारी से गदगद दुकानदारों का कहना है कि इस बार स्वदेशी राखियों की पूछ काफी बढ़ गयी है। इसलिए इस बार का कारोबार काफी अच्छा होने की संभावना है।

इन राखियों की खरीददारी करने से पहले महिलाएं एक बार यह सवाल कर रही है कि यह चाइनीज राखी तो नहीं है। इसकी पुष्टि करने के बाद ही राखियों की खरीददारी कर रही हैं।पीएम के संसदीय क्षेत्र में जिस तरह लोगो ने चाइनीज सामानों का बहिष्कार किया है यदि वैसा ही बहिष्कार देश के शहरों में हुआ तो चाइना को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।  


 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!