FSL के डायरेक्टर श्याम बिहारी उपाध्याय को सरकार ने किया रिटायर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Dec, 2017 06:21 PM

12 जुलाई को विधानसभा में मिले विस्फोटक मामला एक बार फिर चर्चा में है। मंगलवार को ​विधानसभा का शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष ने इस मुदृदे पर हंगामा शुरू कर दिया। शीतकालीन सत्र में लगातार PETN मामले पर घिरने के बाद योगी सरकार ने लखनऊ FSL के डायरेक्टर...

लखनऊ, आशीष पाण्डेय: 12 जुलाई को विधानसभा में मिले विस्फोटक मामला एक बार फिर चर्चा में है। मंगलवार को ​विधानसभा का शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष ने इस मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। शीतकालीन सत्र में लगातार PETN मामले पर घिरने के बाद योगी सरकार ने लखनऊ FSL के डायरेक्टर श्याम बिहारी उपाध्याय को मंगलवार को रिटायर कर दिया। विधानसभा में PETN मिलने के मामले में उनपर गलत रिपोर्ट देने का आरोप लगा था। उन्होंने पदार्थ को PETN बताया था। योगी सरकार ने बीते कई दिनों से श्याम बिहारी उपाध्याय को निलंबित किया हुआ था। श्याम बिहारी उपाध्याय के साथ ही राघवेन्द्र यादव को भी रिटायर कर दिया गया है।
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योगी आदित्यनाथ ने सदन को दी जानकारी
PETN मामले पर सदन में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश की सुरक्षा से हम खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं। उन्होंने व्यंग्य करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि क्या किसी एक व्यक्ति का सम्मान विधानसभा के सम्मान से बड़ा है। सपा और कांग्रेस के लोग सुरक्षा के लिए परेशान थे, लेकिन सदन की मर्यादा का ध्यान रखते हुए अपने विचारों को रखना चाहिए। उन्होंने विपक्ष से पूछा कि विधानसभा के सम्मान से खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं इसीलिए FSL डायरेक्टर को बर्खास्त किया गया था। लेकिन आपको लोग बताइये उन्हें निदेशक किसने बनाया था? विस्फोट किसी का इंतज़ार नही करता विस्फोटक मामले में हमने देर नहीं की। रामगोविंद चौधरी बहुत सीनियर नेता हैं लेकिन विस्फोटक मामले में उनका बयान बचकाना है। सरकार ये चाहती है कि विपक्ष लोग सुरक्षा मामले पर राजनीति ना करें।
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क्या होता है PETN
यूपी विधानसभा में मिले पदार्थ के खतरनाक विस्फोटक PETN पुख्ता होने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। विधानसभा की 3 सिक्योरिटी लेयर को भेदने के बाद आखिरकार PETN विधानसभा में कैसे आया और इसे कौन भीतर लेकर आया, ये अब जांच का विषय बना हुआ है. NIA अब इस केस की जांच कर रही है। दरअसल विधानसभा में मिले विस्फोटक PETN को प्लास्टिक विस्फोटक के नाम से भी जाना जाता है। मेटल डिटेक्टर भी इस विस्फोटक को नहीं पकड़ पाता है। कई बार तो स्निफर डॉग भी इसे पहचानने में मात खा जाते हैं। गौरतलब है कि साल 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए ब्लास्ट में PETN का ही इस्तेमाल किया गया था।

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