Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Dec, 2017 06:35 PM
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने आज कहा कि उन्होंने गुजरात का विकास देखने के लिये यहां की यात्रा करने का फैसला किया। हालांकि, उन्होंने महसूस किया कि भाजपा का गुजरात मॉडल ‘लोगों को धोखा देने का मॉडल’ है।
अहमदाबाद: समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा कि उन्होंने गुजरात का विकास देखने के लिये यहां की यात्रा करने का फैसला किया। हालांकि, उन्होंने महसूस किया कि भाजपा का गुजरात मॉडल ‘लोगों को धोखा देने का मॉडल’ है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने गुजरात में भाजपा के ‘विकास मॉडल’ पर निशाना साधने के लिये आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और लखनऊ मेट्रो का हवाला दिया।
अखिलेश यादव यहां अपनी पार्टी के उम्मीदवारों का प्रचार करने के लिये हैं। समाजवादी पार्टी राज्य की चार विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने गुजरात के विकास मॉडल को देखने के लिये राज्य की यात्रा करने का फैसला किया क्योंकि भाजपा के नेता यहां कह रहे हैं कि वे विकास के आधार पर चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन हमने अपनी आंखों से देखा है कि गुजरात मॉडल लोगों को धोखा देने का मॉडल है।’’
उन्होंने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का उल्लेख किया जिसे उनकी सरकार ने शुरू किया था। इस एक्सप्रेसवे पर भारतीय वायु सेना ने हाल में अपने 15 लड़ाकू विमान उतारे थे। अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘हमने देश की सर्वश्रेष्ठ सड़क का निर्माण किया है जिसपर लड़ाकू विमान उतर सकते हैं। हमने सोचा कि गुजरात में काफी विकास हुआ होगा। हमें पिछले 22 वर्षों में राज्य में बनाई गई ऐसी एक सड़क दिखाएं जहां लड़ाकू विमान उतर सकता है। पाकिस्तान से नजदीकी की वजह से ऐसी सड़कों की जरूरत गुजरात जैसे राज्य में अधिक है।’’ उन्होंने अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना में विलंब के लिये राज्य सरकार की आलोचना भी की।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सोचा था कि मैं जब अहमदाबाद की यात्रा करूंगा तो मुझे मेट्रो ट्रेन की सवारी करने को मिलेगी।’’ सपा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों का समर्थन कर रही है। यादव ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में ‘धांधली’ के मुद्दे पर भी भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी मानती है कि चुनाव मतपत्रों का इस्तेमाल करके होना चाहिये।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हाल में हुए स्थानीय निकाय के चुनावों में भाजपा उन्हीं स्थानों पर जीती जहां ईवीएम का इस्तेमाल हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव आयोग ने स्वीकार किया है कि ईवीएम में खामी हो सकती है--अगर इसमें संशोधन किया जा सकता है तो इसके साथ छेड़छाड़ भी की जा सकती है। कई स्थानों पर आप कोई बटन दबाते हैं और वोट भाजपा को जाता है।’’ उन्होंने कहा कि हम पश्चिमी देशों की काफी नकल करते हैं, तो हम उनका अनुकरण करते हुए मतपत्रों की ओर क्यों नहीं लौटते हैं।