बसपा का भीम आर्मी से कोई लेना देना नहीं, भाजपा सरकार सहारनपुर हिंसा रोकने में नाकाम: मायावती

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 May, 2017 05:16 PM

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बसपा सुप्रीमो मायावती ने सहारनपुर हिंसा को लेकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। मायावती ने कहा, ‘सहारनपुर में बीएसपी के लोगों का मानना है कि भीम आर्मी पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी का ही प्रोडक्ट है।’

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार पर राजनीतिक षड्यंत्र के तहत तथाकथित भीम आर्मी को बसपा से जोड़कर सहारनपुर की जातिवादी घटनाआें के संबंध में अपनी विफलताआें पर पर्दा डालने के प्रयास का आज आरोप लगाया।  

मायावती ने कहा कि बसपा का भीम आर्मी नामक सगंठन से किसी तरह का कोई संबंध नहीं है और न ही उससे कोई लेना-देना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार सहारनपुर हिंसा रोकने में नाकाम साबित हुई है। लोगों का आरोप है कि भीम आर्मी भाजपा के संरक्षण में पलने वाला संगठन है। भाजपा इस संगठन का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है। इसीलिये इसके नेताआें पर अब तक कार्रवाई नहीं की गयी है। 

मायावती ने आज यहाँ जारी एक बयान में कहा कि बसपा के केन्द्रीय, राज्य एवं जिला स्तर के भी किसी छोटे-बड़े पदाधिकारी या कार्यकर्ता का भी भीम आर्मी से कोई संबंध नहीं है। बसपा मूल रूप में एक राजनीतिक पार्टी है जिसमें समाज के हर धर्म, हर जाति, हर समाज एवं महिला, युवा आदि का प्रतिनिधित्व है। इसका अलग से न तो कोई मोर्चा या अन्य संगठन है और न ही किसी अन्य संगठनों से इसका कोई संबंध है।  उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में भाजपा सरकार द्वारा गुप्तचर सूचना के माध्यम से फैलायी जा रही खबरें शरारतपूर्ण एवं जातिवादी ताकतों की राजनीतिक साजिश का परिणाम है। बसपा इस प्रकार की घिनौनी साजिश का एवं इस संबंध में दिखाई जा रही खबरों का जोरदार खण्डन करती है एवं इसकी निन्दा भी करती है।

मायावती ने कहा कि भीम आर्मी को बसपा से जोडऩे की उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की साजिश वैसी ही निन्दनीय है जैसा कि भीम आर्मी के लोग खासकर सहारनपुर में बसपा के साथ अपने आपको जोड़कर भोले-भाले लोगों का आर्थिक शोषण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनके सहारनपुर दौरे के दौरान यह भी शिकायत मिली थी कि भीम आर्मी के लोग अपने आपको बसपा का शुभचिन्तक बताकर डा. अंबेडकर जयंती आदि के अवसर पर लोगों से धन वसूला करते थे।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही बसपा के नवनियुक्त राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनन्द कुमार से मिलने की बात भीम आर्मी के लोग प्रचारित करते थे। जबकि इस मामले में सच्चाई यह है कि इनकी नियुक्ति के बाद अपनी-अपनी समस्याआें को लेकर देशभर के लोग आनन्द कुमार से मिलते रहते हैं परन्तु भीम आर्मी के नाम पर किसी से न तो कोई संपर्क हुआ और न ही इस जैसे अन्य किसी संगठन से बसपा या आनन्द का कोई संबंध है। 

मायावती ने कहा कि इस संबंध में सरकारी गुप्तचर एजेन्सी को लपेटना सरकार की दुर्भावना एवं सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग को ही प्रमाणित करता है। यह सब साजिश भाजपा सरकार अब इसलिये कर रही है क्योंकि सहारनपुर के जातीय दंगे को रोकने में यह सरकार विफल रही है। उन्होंने कहा कि लोगों का आरोप है कि भीम आर्मी भाजपा के संरक्षण में पलने वाला संगठन है। भाजपा इस संगठन का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है। इसीलिये इसके नेताआें पर अब तक कार्रवाई नहीं की गयी है।

उन्होंने सहारनपुर जिले के साथ-साथ पूरे उ.प्र. के सभी धर्मों, वर्गों एवं जातियों के लोगों से अपील की कि वे हर प्रकार की सावधानी बरतते हुये प्रदेश में शान्ति, सद्भाव एवं सौहार्द का वातावरण बनायें। 

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