लालू के बाद मायावती को मिला सपा का साथ, कहा-देश और प्रदेश में अघोषित इमरजेंसी जैसे हालात

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jul, 2017 03:59 PM

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राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बाद मायावती के समर्थन में उनके कट्टर विरोधी भी कूद गए हैं। समाजवादी पार्टी के विधानमंडल दल के नेता रामगोविंद चौधरी ने मायावती मामले में मंगलवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी व प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को आढ़े हाथों...

लखनऊ: राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बाद मायावती के समर्थन में उनके कट्टर विरोधी भी कूद गए हैं। समाजवादी पार्टी के विधानमंडल दल के नेता रामगोविंद चौधरी ने मायावती मामले में मंगलवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी व प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को आढ़े हाथों लेते हुए कहा कि देश और प्रदेश में अघोषित इमरजेंसी लागू हो गई है।

राम गोविंद चौधरी ने कहा कि यहां अब विरोधी पार्टी के लोगों को बोलने नहीं दिया जा रहा है, जो बोलता है, उस पर सीबीआई द्वारा छापा मारा जाता है। उन्होंने कहा कि आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर एक साल में चार बार सीबीआई द्वारा छापा मारा गया। वहीं मायावती के भाई आनंद कुमार के यहां छापा मारा गया। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में कफ्र्यू जैसा माहौल हो गया है।

आज का दिन इतिहास के पन्नों में कालादिन-लालू
इससे पहले लालू यादव ने मायावती को संसद में नहीं बोलने देने पर सत्तारूढ़ बीजेपी पर जमकर निशाना साधा था। लालू ने कहा कि आज का दिन इतिहास के पन्नों में काले दिन के तौर पर अंकित किया जाएगा क्योंकि आज उच्च सदन में गरीबों और दलितों की स्थापित नेता मायवती को गरीबों की बात उठाने नहीं दिया गया। उन्होंने भाजपा सदस्यों पर मायावती के सदन में बोलने के दौरान रुकावट डालने का आरोप लगाते हुए उनकी घोर निंदा करते हुए मायावती के इस्तीफा देने के बयान को साहसिक कदम बताया और कहा कि वे उनसे अपील करते हैं कि वे देश में घूमे और भाजपा के अहंकार को तोड़ें, हम उनके साथ होंगे। लालू ने कहा कि चाणक्य ने कहा था कि जिस सभा में जायज बातों को न सुना जाए और बहुमत का भय दिखाकर लोगों को बोलने नहीं दिया जाए वह कोई सभा नहीं है।

राज्यसभा भेजने की पेशकश
मायावती के राज्यसभा से इस्तीफा दिए जाने के बयान को साहसिक कदम बताते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने उन्हें राजद से राज्यसभा भेजने की पेशकश की और कहा कि वे उनके साथ हैं। 

क्या है मामला?
गौरतलब है कि मंगलवार को राज्यसभा में उनकी बात न सुने जाने से नाराज मायावती ने अपना इस्तीफा राज्यसभा के सभापति को सौंप दिया है। हालांकि, यह पुष्ट नहीं हो सका है कि उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया या नहीं। लेकिन, अब मायावती के समर्थन में उनके कट्टर विरोधी भी आ गए हैं। 
 

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