अखिलेश ने मंत्रिमंडल का किया विस्तार, 5 मंत्रियों को मिली जगह

Edited By ,Updated: 27 Jun, 2016 02:27 PM

lucknow akhilesh yadav cabinet

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर 5 मंत्रियों को शामिल किया जबकि एक को बर्खास्त कर दिया...

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर 5 मंत्रियों को शामिल किया जबकि एक को बर्खास्त कर दिया। मंत्रिमंडल में शामिल किए गए मंत्रियों में 3 कैबिनेट और 2 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल विस्तार के ठीक पहले विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री मनोज पाण्डेय को बर्खास्त कर दिया।  समारोह में लोक निर्माण विभाग मंत्री शिवपाल सिंह यादव की गैरमौजूदगी से कई सवाल उठ खडे हुए हैं।‘यादव परिवार’में इसे एक बड़े मतभेद के रुप में देखा जा रहा है। समारोह में पार्टी के एक और कद्दावर नेता तथा नगर विकास मंत्री मोहम्मद आज़म खान भी नहीं दिखे।

राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विस्तार में पूर्वाचंल का खास ध्यान रखा गया। तीनों कैबिनेट मंत्री पूर्वांचल के हैं। नारद राय और जियाउद्दीन रिजवी बलिया और बलराम यादव आजमगढ जिले के मूल निवासी हैं। सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव का संसदीय निर्वाचन क्षेत्र भी आजमगढ है। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रुप में शपथ लेने वाले दोनों मंत्री शारदा प्रताप शुक्ला और रविदास मेहरोत्रा लखनऊ के हैं। कैबिनेट मंत्री के रुप में बलराम यादव, नारद राय और जियाउद्दीन रिजवी को शामिल किया गया है, जबकि राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रुप में रविदास मेहरोत्रा और शारदा प्रताप शुक्ला को मंत्रिमंडल में जगह मिली है।

बलराम यादव को मंत्रिमंडल में शामिल करने का निर्णय गत 25 जून को पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में ही ले लिया गया था।  कैबिनेट मंत्री के रुप में मंत्रिमंडल में शामिल किए गए जियाउद्दीन रिजवी को छोड़ अन्य चारों ने पद और गोपनीयता की शपथ ले ली है लेकिन लखनऊ से बाहर होने की वजह से रिजवी शपथ नहीं ले सके। राज्यपाल राम नाईक ने 4 मंत्रियों को राजभवन में एक सादे समारोह में शपथ दिलाई। कौमी एकता दल के सपा में विलय के सिलसिले में गत 21 जून को बर्खास्त किए गए बलराम यादव को एक बार फिर मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।

गत 31 अक्टूबर को मंत्रिमंडल से बाहर किए गए नारद राय को एक बार फिर मंत्री बनाया गया। कैबिनेट मंत्री के रुप में जियाउद्दीन रिजवी को पहली बार मंत्रिमंडल में जगह मिली है। हालांकि लखनऊ से बाहर होने की वजह से वह शपथ नहीं ले सके। 15 मार्च 2012 को अखिलेश यादव की सरकार बनने के बाद उनके मंत्रिमंडल का यह छठा विस्तार था।  शपथ ग्रहण समारोह में पार्टी के कद्दावर नेता और लोक निर्माण विभाग के मंत्री शिवपाल सिंह यादव की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय रही।

कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय कराने में यादव को पार्टी ने आगे रखा था।  बाद में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सख्त तेवर को देखते हुए विलय रद्द कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार वह इससे नाराज हैं और कल ही इटावा चले गए। इस सम्बन्ध में पार्टी महासचिव प्रोफेसर राम गोपाल यादव का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि शिवपाल नाराज हैं। पिछले मंत्रिमंडल विस्तार में वह (राम गोपाल) अमेरिका में रहने की वजह से समारोह में शामिल नहीं हुए थे। इसका यह मतलब नहीं है कि वह नाराज थे। उन्होंने कहा कि शिवपाल यादव की नाराजगी के बारे में वह कुछ नहीं जानते और न ही इस सम्बन्ध में कोई टिप्पणी करेंगे।

शपथ ग्रहण समारोह में सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्यों के साथ ही राज्यसभा के लिए निर्वाचित अमर सिंह भी मौजूद थे। अखिलेश यादव मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट मंत्री, 10 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 22 राज्यमंत्री थे। मुख्यमंत्री को लेकर मंत्रिमंडल में कुल 60 मंत्री हो सकते हैं। इस प्रकार 4 लोगों को और शामिल किया जा सकता था। मुख्यमंत्री को 5 मंत्रियों को शामिल करना था इसलिए विस्तार से पहले एक मंत्री को बर्खास्त कर मंत्रिमंडल में पांचवे के लिए जगह बनाई गई।

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