दयाशंकर प्रकरण BJP-SP की साजिश, फैसला अब जनता की अदालत में: मायावती

Edited By ,Updated: 24 Jul, 2016 02:47 PM

Lucknow Mayawati Dhayashankar Singh

बसपा अध्यक्ष मायावती ने दयाशंकर सिंह मामले को भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी की मिलीभगत बताते हुए कहा कि अब इसका फैसला जनता की अदालत में होगा और...

लखनऊ: बसपा अध्यक्ष मायावती ने दयाशंकर सिंह मामले को भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी की मिलीभगत बताते हुए  कहा कि अब इसका फैसला जनता की अदालत में होगा और इसीलिए वह अगले महीने 2 महारैलियां करने जा रही हैं। भााजपा, सपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमलावर मायावती ने यहां पत्रकारों से कहा कि सपा और भाजपा की मिलीभगत का पर्दाफाश करने के लिए वह 25 अगस्त को आगरा और 28 अगस्त को आजमगढ में सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय विशाल महारैली करेंगी।  

दोनो दलों पर जातीय संघर्ष कराने का षडयंत्र करने का आरोप लगाते हुए बसपा अध्यक्ष ने कहा कि जनता दोनो दलों से ही सावधान रहे। बसपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए अन्दर-अन्दर दोनो एकजुट हैं। दोनो ने अपनी विफलता छिपाने के लिए इस तरह की साजिश की। बसपा के 17 मंडलीय मुख्यालयों पर प्रस्तावित धरना प्रदर्शन को टाले जाने को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि जब दोनो पार्टियां मिल गई हैं, तो इससे कोई लाभ नहीं होने वाला। दयाशंकर की गिरफ्तारी सपा सरकार नहीं करने वाली।

बसपा अध्यक्ष ने बताया कि पूरे मामले पर विचार करने और आगे की रणनीति तय करने के लिए शाम उन्होंने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है। इसमें कई कोआर्डिनेटर और पदाधिकारी शामिल होंगे। अपने ऊपर हुई रिपोर्ट को संसद की अवमानना बताते हुए मायावती ने कहा कि सदन में दिए गए बयान के आधार पर पुलिस में रिपोर्ट लिखी ही नहीं जा सकती। संविधान के अनुच्छेद 105 में सांसद को सदन में अपनी बात रखने का अधिकार है। संसद में कही गई बात के आधार पर रिपोर्ट लिखाई ही नहीं जा सकती।

उन्होंने कहा कि भाजपा के दबाव में सपा सरकार ने उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी और इसी दबाव के कारण दयाशंकर की गिरफ्तारी नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि दबाव में ही बसपा नेताओं के खिलाफ दूसरी रिपोर्ट भी दर्ज करा दी गई। उन्होंने कहा कि दयाशंकर की मां और पत्नी जो भी कर रही हैं वह भाजपा की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। इससे बसपा नेता मेवालाल गौतम द्वारा दयाशंकर के खिलाफ लिखाई गई रिपोर्ट को कमजोर करने की कोशिश की गई। अच्छा होता यदि बसपा नेता की बजाए अपने बेटे के खिलाफ दयाशंकर की मां रिपोर्ट लिखातीं। इससे देश भर की महिलाओं में उनका सम्मान बढता।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गोरखपुर में जातिवाद और परिवारवाद से दूर रहने के बयान की चर्चा करते हुए बसपा अध्यक्ष ने कहा कि मोदी यह नसीहत गुजरात या अन्य भाजपा शासित राज्यों में क्यों नहीं देते। खाद कारखाने और एम्स के इस समय शिलान्यास के कारण को उन्होंने राज्य विधानसभा के आसन्न चुनाव से जोड़ा और कहा कि सरकार बने 2 साल हो गए अभी तक शिलान्यास क्यों नहीं किया गया।

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