फेसबुक पर लाइव आए वित्तमंत्री, लोगों के सवालों ने उड़ा दी हवाईयां

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jan, 2018 11:09 PM

uttarakhand finance minister prakash pant live on facebook

उतराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने जब शनिवार को आम जनता से बजट पर राय लेने के साथ जमीनी हकीकत जानने के लिए सोशल मीडिया पर संवाद किया तो किसी सजीव नाटक जैसे अलग -अलग दृश्य पैदा हुए।

देहरादून। उतराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने जब शनिवार को आम जनता से बजट पर राय लेने के साथ जमीनी हकीकत जानने के लिए सोशल मीडिया पर संवाद किया तो किसी सजीव नाटक जैसे अलग -अलग दृश्य पैदा हुए। मंच बना फेसबुक और पात्र थे वे लोग जो संवाद की इस प्रक्रिया में जुड़ रहे थे। दो घंटे तक इस नाटक का मंचन हुआ। वित्तमंत्री का चेहरा कभी खिल उठा तो कभी असहजता और झुंझलाहट के भाव उनके चेहरे पर कोई भी दर्शक पढ़ सकता था।  

दृश्य नंबर एक, युवक लाइव फेसबुक पर प्रगट होता है। वित्त मंत्री पर सीधा सवाल दागता है। क्या नक्सलियों की तरह हथियार उठा लूं। तभी हमे मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी। दृश्य बदलता है और दूसरा पात्र पूछ लेता है  या तो नौकरी दे दो या फिर जहर खाने को दे दो। यह दो वाकिए ही वित्तमंत्री को अहसास करा देते हैंं कि हालात बहुत दुरुह हैं। चलिए हम पात्रों के नाम के साथ उनके संवाद को हूबहू  पाठकों के समक्ष रखते हैं। 

संदीप टबराल, शायद हमें भी नक्सलवादियों की तरह हथियार उठाना होगा, तभी जाकर हमें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जैसे पेयजल, सड़क, कालेज।वित्तमंत्री मौन में चले जाते हैं। तभी बी के भंडारी कहते हैं कि गावों को जोड़ने वाली सड़कों ओर पेयजल के लिए बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रकाश पंत की आवाज गूंजती है कि आपदा के दौरान राज्य के अन्दर 1840 सड़कें तथा 4200 गाँव की पेय जल योजनाएं ध्वस्त हुईं थीं। 

वर्तमान में पेय जल योजना में कमी के चलते राज्य के 17100 बस्तियों में मानकों के साथ पेय जल आपूर्ति नहीं हो पा रही है। राज्य सरकार ने यह तय किया है की 2022 तक सभी गाँव में पेय जल आपूर्ति की जाएगी। आप भरोसा रखें। वर्ष 2022 तक पेय जल एवं संपर्क मार्गों की समस्याओं का निराकरण कर दिया जाएगा।

अब नंबर आता है मुकेश अवस्थी का। बोले, वर्ष 2000 से पीडबल्यूडी में कार्यरत कंप्यूटर आपरेटर्स के लिए आज तक कोई नियमावली नहीं है। जिस कारण उनको न तो अवकाश मिलता है और न ही उचित वेतन। कई  पत्र लिखे । जानकारी भी दी। मानदेय मात्र 11500 दिया जा रहा है । वह भी वर्ष 2013 से। 

कंप्यूटर आपरेटर्स को किसी विभाग में समायोजित कर  भारत सरकार के 2017 के गजट के अनुसार न्यूनतम मानदेय 24000 करने की कृपा करें । मंत्री का चेहरे पर मुस्कुराहट थिरकने लगती है वह बोलते हैं कि :मानदेय में बढ़ोतरी करने पर सरकारी स्तर पर विचार हो रहा है। जल्द निर्णय हो जाएगा। नियमावली भी तैयार कर दी जाएगी।

तभी आकाश रितेश राना गुहार लगाते है कि सर प्लीज आप गवर्नमेंट जॉब की तरफ ध्यान दीजिये। वरना जहर ही दे दो सर...। मंत्री सहज होते हुए कहते हैं कि तीन हजार पांच सौ से ज्यादा नियुक्तियां की जा चुकी हैं। आप भी निरंतर प्रयास कीजिये।मंत्री का अंदाज लगे रहो मुन्नाभाई वाला था। 

इसके बाद बारी थी नलिन भट्ट की। उन्होंने सलाह दी कि मंत्री जी इस बजट में पलायन को रोकने के लिए कुछ किया जाये। युवाओ को गांवों में ही रोजगार मिले। प्रकाश पंत ने समझाया कि राज्य में 670 न्याय पंचायत हैं। हर न्याय पंचायत को ग्रोथ सेंटर के रूप में विकसित कर रहे हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक नोडल अफसर तैनात किया जाएगा। 

वह केंद्र और राज्य की योजनाओं पर निगरानी रखेगा। कौशल विकास योजना, स्टार्टअप 2017, मुद्रा बैंक के द्वारा स्वरोजगार से जोड़ने का प्रावधान किया गया था जिसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। अब मंत्री की बात काटते हुए विवेक रावत आईना दिखाते हैं कि इस सरकार को 10 महीने हो चुके हैं। यह बात आप को भी माननी पड़ेगी, कि इन 10 महीनों में रोजगार के संबंध में 0 फीसदी कार्य हुआ। 

सकपकाए मंत्री सफाईदेने के अंदाज में आते हैं कि ऐसा नहीं है। समय-समय पर भर्तियां की जा रही हैं। जो बेरोजगार रहे गये हैं उनके लिए कौशल विकास के माध्यम से उन्हें रोजगार प्रदान कराने का प्रयास किया जा रह है। तभी सुमित पंत ने कहा कि मंत्री, हाई कॉर्ट के निर्देश के अनुपालन के लिए पर्वतीय जिलो मैं रेगुलर पुलिस व्यवस्था लागू करनी है। पटवारी व्यवस्था खत्म करके। 

उसके लिए पुलिस मैं भर्ती निकालनी पड़ेगी। उसके लिए बजट में प्रवधान रखें। मंत्री बोले, माननीय न्यायालय का निर्देश है कि कानून व्यवस्था पुलिस के माध्यम से संचालित हो इसके आधार पर सरकार समयक विचार के बाद निर्णय लेगी। एक बार फिर बी के भंडरी ने प्रश्न दाग दिया, गावों को जोड़ने  वाली सड़कों ओर पेयजल के लिए बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है। 

जिस पर मंत्री बोले, राज्य के अन्दर 1840 सड़कें प्रभावित हो गई थी आपदा के कारण तथा 4200 गांव की हमारी पेय जल योजना भी प्रभावित हो गई थी। इसके साथ साथ पेय जल योजना में कमी के चलते राज्य के 17100 बस्तियों में मानकों के साथ पेय जल आपूर्ति नहीं हो पा रही है। राज्य सरकार ने यह काम किया है कि 2022 तक सभी गाँव में पेय जल आपूर्ति की जाएगी। आप भरोसा रखें वर्ष2022 तक पेय जल एवं स पर्क मार्गों की समस्याओं का निराकरण कर दिया जाएगा।

दोपहर 12 बजे से दो बजे तक फेसबुक पर लाइव होकर जनता के सवालों और सुझावों से दो चार होने के पश्चात वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि उन्हें कई अच्छे सुझाव मिले। जनता की समस्याओं से भी अवगत होने का मौका मिला। इन सुझावों को बजट 2018 में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा। जो समस्याएं सामने आई हैं उनका समाधान निकाला जाएगा। हालांकि जिस तरह वित्त मंत्री के इस कार्यक्रम का प्रचार प्रसार किया गया था उस लिहाज से रिस्पांस देने वालों की संख्या या बेहद कम रही।

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