Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Mar, 2018 03:42 PM
राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है। बीते दिनों मोरी ब्लॉक के सावणी गांव में हुई आगजनी के पीड़ितों से मिलकर लौटे राज्यसभा सांसद ने राहत और पुनर्वास कार्यों पर सवाल उठाते हुए केदारनाथ की तरह सावणी के प्रभावितों को भी...
मसूरी: राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है। बीते दिनों मोरी ब्लॉक के सावणी गांव में हुई आगजनी के पीड़ितों से मिलकर लौटे राज्यसभा सांसद ने राहत और पुनर्वास कार्यों पर सवाल उठाते हुए केदारनाथ की तरह सावणी के प्रभावितों को भी सहायता देने की मांग उठाई। टम्टा ने एनएच घोटाले की जांच अब सीबीआई से ना करवाने पर भी सवाल उठाए।
मसूरी के एक होटल में सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि सावणी गांव मलबे में दबा है। मवेशी दबे हुए हैं किंतु राज्य सरकार ने प्रभावितों एक-एक लाख के करीब मुआवजा देकर जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने प्रभावितों को केदारनाथ आपदा पीड़ितों के लिए कांग्रेस सरकार के दौरान बने मानकों की तरह सहायता देने की मांग उठाते हुए कहा कि मलबा उठाने का जिम्मा भी सरकार को लेना चाहिए।
एनएच-74 घोटाले पर प्रदीप टम्टा ने उठाए सवाल
एनएच-74 घोटाले पर बोलते हुए प्रदीप टम्टा ने कहा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार ने इस मामले में एसआईटी बैठाकर कमिश्नर की जांच बैठाई लेकिन चारों तरफ से बढ़े दबाव के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीबीआई जांच का आदेश किया लेकिन अब इस जांच से आश्चर्यजनक ढंग से पीछे हट रहे हैं।
उधम सिंह नगर के डीएम से पूछताछ नहीं होने पर सवाल उठाते हुए सांसद ने इस घोटाले के तार राज्य से केन्द्र तक जुड़े होने की आशंका बताते हुए कहा कि केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री का इस घोटाले की सीबीआई जांच ना करवाने को लेकर राज्य सरकार को लिखा पत्र अपने आप में बहुत कुछ बयां करता है।