Edited By Nitika,Updated: 28 Jul, 2020 11:01 AM
उत्तराखंड में एनआईटी के स्थायी परिसर के मामले में सोमवार को उच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण फैसला करते हुए केन्द्र सरकार को 4 महीने के अंदर ठोस निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
नैनीतालः उत्तराखंड में एनआईटी के स्थायी परिसर के मामले में सोमवार को उच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण फैसला करते हुए केन्द्र सरकार को 4 महीने के अंदर ठोस निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की युगलपीठ ने यह निर्णय एनआईटी के पूर्व छात्र जसबीर सिंह की ओर से दायर जनहित याचिका की अंतिम सुनवाई के बाद दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि सरकार स्थायी परिसर पर फैसला करते समय छात्रों की सुरक्षा का ध्यान रखे। कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि श्रीनगर स्थित अस्थायी परिसर में एक जुलाई से पहले सभी ढांचागत सुविधाओं का विकास करे। इसके अलावा हिट एंड रन मामले में गंभीर रूप से घायल एनआईटी की छात्रा नीलम मीणा को भी 25 लाख रूपए की धनराशि का भुगतान करने का भी निर्देश दिया है। उसका अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज चल रहा है।
वहीं कोर्ट ने कहा कि सरकार 3 महीने के अंदर अस्थायी परिसर के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) जारी करे। साथ ही साथ धनराशि भी जारी करे ताकि अस्थायी परिसर में खराब ढांचागत सुविधाओं का विकास हो सके।