Edited By Nitika,Updated: 16 Apr, 2019 02:20 PM
भारतीय परम्परा के अन्तर्गत बेटियों को डोली में बैठाकर विदा किया जाता है लेकिन उत्तराखंड के एक गांव में अनोखी परम्परा देखने को मिली है। इस गांव में बेटियों को डोली में नहीं बल्कि घोड़े पर बैठाकर विदा किया जाता है।
चमोलीः भारतीय परम्परा के अन्तर्गत बेटियों को डोली में बैठाकर विदा किया जाता है लेकिन उत्तराखंड के एक गांव में अनोखी परम्परा देखने को मिली है। इस गांव में बेटियों को डोली में नहीं बल्कि घोड़े पर बैठाकर विदा किया जाता है।
जानकारी के अनुसार, यह परम्परा चमोली जिले के वांण गांव की है, जहां पर ग्रामीण मां नंदा (देवी पार्वती) को डोली में बैठाकर राजजात यात्रा में कैलाश ले जाते हैं। इसी के चलते ग्रामीण अपनी आराध्य देवी के सम्मान में बेटियों की शादी में दुल्हन को डोली के स्थान पर घोड़े पर बिठाकर विदा करते हैं।
बता दें कि चमोली जिले के वांण गांव का लाटू मंदिर श्रद्धालुओं के लिए रहस्यमयी बना हुआ है। इस मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश करने की मनाही है। इस मंदिर के अंदर क्या है, इस बारे में आज तक कोई नहीं जान पाया है। इसके साथ ही लाटू को मां नंदा देवी का धर्म भाई भी माना जाता है।