उत्तराखंड के बद्रीनाथ सहित प्रमुख चिन्हित स्थानों पर होगा जीओ थर्मल का प्रयोग

Edited By Nitika,Updated: 12 Nov, 2021 05:31 PM

geo thermal will be used at major identified places

उत्तराखंड के बद्रीनाथ सहित प्रमुख चिह्नित स्थानों पर ग्रीन एनर्जी के रूप में भूतापीय ऊर्जा (जीओ थर्मल) का प्रयोग किया जाएगा। इस संदर्भ में आइसलैंड दूतावास का प्रतिनिधि मंडल देहरादून में ऊर्जा मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत से मुलाकात की।

 

देहरादूनः उत्तराखंड के बद्रीनाथ सहित प्रमुख चिह्नित स्थानों पर ग्रीन एनर्जी के रूप में भूतापीय ऊर्जा (जीओ थर्मल) का प्रयोग किया जाएगा। इस संदर्भ में आइसलैंड दूतावास का प्रतिनिधि मंडल देहरादून में ऊर्जा मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत से मुलाकात की।

प्रतिनिधि मण्डल ने अपने अनुभवों पर आधारित जीओ थर्मल का राज्य में प्रयोग का प्रस्ताव रखा। बैठक में ऊर्जा मंत्री डॉ. रावत ने इसे पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में लागू करने के लिए कहा। इस सदर्भ में वाडिया इंस्टीच्यूट द्वारा सर्वे और रिसर्च करके अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। तकनीकी परीक्षण करके आकलन प्रस्तुत किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में आइसलैंड तकनीकी और वित्तीय मदद भी देगा। बद्रीनाथ में गर्म पानी और तप्तकुण्ड का स्रोत उपलब्ध है, जिसका प्रयोग करके बद्रीनाथ मन्दिर समिति, धर्मशाला में विद्युत उपयोग में किया जा सकता है।

गौरतलब है कि आइसलैंड में जीओ थर्मल के रूप में 30 प्रतिशत ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है। गर्म पानी, तप्तकुण्ड के आधार पर इस ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है। उत्तराखंड में, वाडिया इंस्टीच्यूट ने अपने सर्वे रिपोर्ट में 64 स्थलों पर इस प्रकार की ऊर्जा के उत्पादन पर अपनी संभावना व्यक्त की।
 

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