Edited By Anil Kapoor,Updated: 11 Jun, 2019 09:11 AM
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के 16 जून को प्रस्तावित अयोध्या दौरे पर एतराज जताते हुए विवादित रामजन्मभूमि मामले के पक्षकार मोहम्मद इकबाल अंसारी ने कहा कि धार्मिक स्थल को राजनीति का अड्डा बनाने से परहेज करना चाहिए। अंसारी ने अपने निवास पर एक न्यूज...
अयोध्या: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के 16 जून को प्रस्तावित अयोध्या दौरे पर एतराज जताते हुए विवादित रामजन्मभूमि मामले के पक्षकार मोहम्मद इकबाल अंसारी ने कहा कि धार्मिक स्थल को राजनीति का अड्डा बनाने से परहेज करना चाहिए। अंसारी ने अपने निवास पर एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि अयोध्या कोई राजनीति का अड्डा नहीं है, बल्कि एक धार्मिक स्थल है लेकिन यहां नेता रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद की राजनीति करने आते हैं।
उन्होंने कहा कि अयोध्या साधु-संतों का शहर है और जहां साधु-संत होते हैं वहां शांति होती है। ठाकरे को नसीहत देते हुए इकबाल अंसारी ने कहा कि नेता अयोध्या छोड़कर अब कोई दूसरा शहर पकड़ें क्योंकि अभी नई संसद शुरू भी नहीं हुई और राम मंदिर-बाबरी मस्जिद पर राजनीति शुरू हो गई है। अयोध्या को गर्म करना, पूरे देश को गर्म करने के बराबर है।
मुस्लिम पक्षकार ने कहा कि मामला उच्चतम न्यायालय में है। दोनों पक्षों को अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए लेकिन हिन्दू पक्ष को अदालत पर विश्वास नहीं है। यह वही लोग हैं जो संविधान को नहीं मानते हैं। उच्चतम न्यायालय ने इस समस्या के समाधान के लिए मध्यस्थता पैनल बनाया है। इस मामले पर अदालत अपना काम कर रहा है लेकिन इन लोगों को थोड़े दिन सब्र करना चाहिए।
शिवसेना पर टिप्पणी करते हुए इकबाल अंसारी ने कहा कि यह केवल मुम्बई तक सीमित हैं। उनका उत्तर प्रदेश में सिक्का जमने वाला नहीं। उद्धव ठाकरे अयोध्या में पूजा-अर्चना करें जो भगवान का नियम है। इस पर राजनीति न करें, जिससे देश का माहौल खराब हो। उल्लेखनीय है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे 16 जून को अपने सांसदों के साथ अयोध्या में आकर विवादित श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का दर्शन और प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर पर मत्था टेकेंगे। इसके पूर्व उद्धव ठाकरे 25 नवम्बर 2018 को अयोध्या आकर रामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का दर्शन कर चुके हैं।