'वैवाहिक रिश्ते में बलात्कार जैसे शब्द की कोई जगह नहीं है': इलाहाबाद हाईकोर्ट

Edited By Pooja Gill,Updated: 11 Dec, 2023 11:01 AM

there is no place for the word rape

Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मैरिटल रेप को लेकर टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा, वैवाहिक रिश्ते में बलात्कार जैसे शब्द की कोई जगह नहीं है। बालिग पत्नी से बनाए गए यौन संबंध को बलात्कार नहीं कहा जा सकता, वह चाहे प्राकृतिक हो या फिर अप्राकृतिक।...

Prayagraj News (सैयद रजा): इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मैरिटल रेप को लेकर टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा, वैवाहिक रिश्ते में बलात्कार जैसे शब्द की कोई जगह नहीं है। बालिग पत्नी से बनाए गए यौन संबंध को बलात्कार नहीं कहा जा सकता, वह चाहे प्राकृतिक हो या फिर अप्राकृतिक। इसके लिए पति को न दोषी माना जा सकता है न दंडित किया जा सकता है। यह महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की एकल पीठ ने पत्नी से अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने और दहेज उत्पीड़न के आरोपों के लिए जेल में सजा भोग रहे एक पति को दोषमुक्त दिया।

इस मामले में न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की पीठ ने कहा कि, हमारे देश में अभी तक मैरिटल रेप को अपराध नहीं माना गया है। इसलिए, इस मामले में आरोपी को आईपीसी की धारा 377 के तहत दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। मामले में फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि क्योंकि मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग वाली याचिकाएं अभी सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग हैं और इन पर कोई फैसला नहीं आया है, इसलिए अभी के प्रसंग में अगर पत्नी की उम्र 18 साल या उससे अधिक है, तो मैरिटल रेप के लिए कोई दंड नहीं है। इसे तब तक नहीं बदला जा सकता है, जब तक सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इस पर कोई फैसला न आ जाए।

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बता दें कि वर्ष 2012 में आरोपी की शादी हुई, इसके बाद पत्नी ने वर्ष 2013 में पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाते हुए दहेज उत्पीड़न और अप्राकृतिक यौन शोषण का आरोप लगाया। परीक्षण न्यायालय से पति को तीन साल के कारावास और तीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। सजा के खिलाफ पति ने अपील दाखिल की, जो आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए निचली अदालत ने दहेज बलात्कार के आरोपों से मुक्त किया। किन्तु अप्राकृतिक यौन के आरोप में सुनाई गई सजा को बरकरार रखा। अपीलीय अदालत के फैसले को आरोपी पति मामले में ने हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका के जरिए चुनौती दी थी।

 

 

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