टिकैत के Emotional card का असर: समर्थन में पहुंचे RLD नेता जयंत चौधरी, बोले- अब होगी आर पार की लड़ाई

Edited By Umakant yadav,Updated: 29 Jan, 2021 04:35 PM

the impact of tikait s emotional card rld leader jayant chaudhary

गाजीपुर बॉर्डर पर डटे किसानों को हटाने की तैयारी में थी लेकिन राकेश टिकैत के रोते हुए वीडियो के बाद रातोंरात एक बार फिर माहौल बदल गया है। वहीं राकेश टिकैत की वीडियो वायरल होने के बाद आरएलडी नेता जयंत चौधरी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे और उन्होने राकेश...

बागपत: दिल्ली में ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद किसान आंदोलन ठंडा पड़ता दिख रहा था और पुलिस भी गाजीपुर बॉर्डर पर डटे किसानों को हटाने की तैयारी में थी लेकिन राकेश टिकैत के रोते हुए वीडियो के बाद रातोंरात एक बार फिर माहौल बदल गया है। वहीं राकेश टिकैत की वीडियो वायरल होने के बाद आरएलडी नेता जयंत चौधरी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे और उन्होने राकेश टिकैत से मुलाकात कर अपना समर्थन दिया। चौधरी ने कहा कि किसानों पर लाठी चलवा सरकार ने अपना इकबाल खो दिया है। इससे क्रूर और निर्दयी सरकार आजतक नहीं आई, मैं ऐसी सरकार को लानत भेजता हूं और ऐसी सरकार को धितकारता हूं। अब आर पार की लड़ाई होगी।

दरअसल, रालोद नेता जयंत चौधरी पुलिस के लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों का हाल-चाल जानने के लिए बागपत जनपद के बड़ौत पहुँचे थे। पुलिस द्वारा किये गए लाठीचार्ज पर भड़कते हुए उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन में आजतक लाठी नहीं चली। किसानों पर लाठियां चला सरकार ने अपना इकबाल खो दिया है। सोते हुए किसानों पर लाठियां चलवाने वाली सरकार को मैं लानत भेजता हूं। उन्होंने कहा कि किसानों का बदन लोहा है, लेकिन दिल सोना है। इस आंदोलन को फिर से शुरू करने की आवश्यकता है। सोते हुए किसानों पर डाका डाला गया। उन पुलिसकर्मियों को भी थोड़ा लिहाज करना चाहिए था, मैं उसकी भी आलोचना करता हू। घायल किसानों का मेडिकल करा आवश्यक कार्यवाही किये जाने की जरूरत है। सिर्फ किसान में लड़ने की क्षमता है और देश हित में आंदोलन की रुपरेखा तैयार करने की जरूरत है।

चौधरी साहब ने भी कहा है कि यह हमारे जीवन मरण का सवाल है। किसे कुचलना चाह रही है सरकार, किस पर लठ चला रही है, किसान पर? सरकार को इसका खामियाजा भुगतना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि रालोद पूरी तरह से धरने और किसानों का समर्थन करती है। हमारा दिल बागपत, बडौत और किसानों के लिए धड़कता है। मेरी अपील है कि मतदाता फिर से सोचे कि किस मुद्दे पर उन्होंने वोट दिया था और आज क्या हो रहा है। अपराधी को सजा मिलती है, लेकिन यहां सरकारी तत्व ही गुंडा तत्व बन गया है। उन्होंने कहा कि किसान का बहुत बड़ा दिल होता है। वह दो मिनट में रो पड़ता है और अगले ही पल सामने वाले को गले लगा लेता है।

गौरतलब है कि पिछले काफी लम्बे समय से कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं और पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन 26 जनवारी के बाद ये आंदोलन ठंड़ा पड़ता दिखा रहा था। हालांकि गुरुवार की रात यहां पर काफी कुछ देखने को मिला। प्रदर्शनकारियों को यहां से हटाने के लिए प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली थी। इस बीच राकेश टिकैत ने प्रदर्शनकारियो को संबोधित करते हुए कहा कि वह धरनास्थल को नहीं छोड़ेंगे। इस दौरान भावुक टिकैत रो पड़े और उनका रोने का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा। जिसके बाद बड़ी संख्या में हरियाणा से किसान प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने लगे और रातोंरात गाजीपुर बॉर्डर पर एक बार फिर माहौल बदल गया।

 

 

 

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