Edited By Anil Kapoor,Updated: 19 Jan, 2024 10:33 AM
Prayagraj News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नगर स्थित स्वरूपरानी नेहरू (एसआरएन) अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक से पूछा है कि इस अस्पताल में और इसके आसपास चूहों के प्रजनन को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमके गुप्ता और...
Prayagraj News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नगर स्थित स्वरूपरानी नेहरू (एसआरएन) अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक से पूछा है कि इस अस्पताल में और इसके आसपास चूहों के प्रजनन को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमके गुप्ता और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की पीठ ने एक समाचार पत्र की रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लेने के बाद मामले पर सुनवाई करते हुए अस्पताल से जवाब तलब किया। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई की तिथि 12 फरवरी तय की।
मिली जानकारी के मुताबिक, अदालत ने एसआरएन अस्पताल में चूहों की समस्या को लेकर समाचार पत्र की रिपोर्ट पर कहा कि इसमें अस्पताल में चूहों की समस्या रेखांकित की गई है और यह बताया गया है कि चूहे किस हद तक दवाओं और अस्पताल में रखे गए अन्य सामान को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस रिपोर्ट में प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर अजय सक्सेना के बयान का भी हवाला दिया गया है जिसमें उन्होंने स्वीकारा है कि भरसक प्रयासों के बावजूद यह समस्या अब भी कायम है और इससे निपटने के लिए विकल्प तलाशे जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि अदालत ने कहा कि यदि यह समाचार सही है तो यह अस्पताल में आने वाले मरीजों और वहां पहले से भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है।अदालत ने अधिकारियों को इस मामले से अवगत कराने को कहा। अदालत ने कहा कि एसआरएन के प्रमुख अधीक्षक यह ब्यौरा दें कि एसआरएन अस्पताल ने किस एजेंसी के साथ अनुबंध किया है, उस एजेंसी को कितना भुगतान किया गया है, एजेंसी द्वारा इस समस्या से निपटने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और अस्पताल के अधिकारियों ने क्या कदम उठाए हैं या उठाने का प्रस्ताव किया है।