Edited By Imran,Updated: 11 Apr, 2022 05:02 PM
उत्तर प्रदेश के महोबा और देवरिया जैसे शहरों से बड़े पैमाने पर बिजली घोटाला का मामाला सामने आया है। दरअसल, इन शहरों में उपभोक्ताओं के बिल का पैसा अफसरों ने विभाग के अकांउट में जमा ही नहीं किया है
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के महोबा और देवरिया जैसे शहरों से बड़े पैमाने पर बिजली घोटाला का मामाला सामने आया है। दरअसल, इन शहरों में उपभोक्ताओं के बिल का पैसा अफसरों ने विभाग के अकांउट में जमा ही नहीं किया है। वहीं, इस मामले में अभी तक करीब 22 करोड़ रुपए का खेल अभी पकड़ में आया है। दावा है कि इसकी ठीक से जांच की जाए, तो 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला सामने आएगा।
हालांकि, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने पूरे प्रदेश में जांच की मांग उठाई है। पभोक्ताओं से बिजली बिल का पैसा तो ले लिया गया, लेकिन अफसरों ने वह पैसा बैंकों में जमा ही नहीं किए किया। बताया जा रहा है कि कुछ जिलों में शिकायत मिलने के बाद अब पावर कॉर्पोरेशन बिलिंग में हो रही इस तरह की गड़बड़ियों का पता लगाने के लिए ऑडिट करा रहा है। इसमें अकेले महोबा जिले में बिलिंग ऑडिट में 22 करोड़ रुपए का घपला पकड़ा गया है। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद इसको फाइनल करने को कहा गया है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मामले में कई बड़े अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
बैंक में नही करते थे पैसा जमा
बताया जा रहा है कि उपभोक्ताओं के द्वरा जमा किया गया राशि कुर्सी पर बैठे अफसर जमा नहीं करते थे। इस खेल में उपभोक्ताओं से लिए पैसे को बैंकों में जमा करवाने में देरी की जा रही है। महोबा जांच मामले में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि कई जगहों पर बिल सुधार के नाम पर गड़बड़िया की जा रही हैं। देवरिया में सामने आए घोटाले से पावर कॉर्पोरेशन को छह करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ था। इसमें बिल सुधार के नाम पर करोड़ों का खेल किया गया।
1500 कनेक्शन के दस्तावेज नहीं मिले
देवरिया जिले में जांच के दौरान पता चला कि 1500 से ज्यादा उपभोक्ताओं के बिल सुधार के दस्तावेज नहीं मिले हैं। इसमें बिल समायोजन किस नियमावली के आधार पर किया गया है और किस तरह से कर दिया गया है, इसका कोई साक्ष्य संबंधित अधिकारी नहीं दे पाए हैं