Lok Sabha Elections 2024: यूपी के पहले चरण में होगा पश्चिम के दिग्गजों का फैसला, 19 अप्रैल को होगी वोटिंग

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 09 Apr, 2024 05:30 PM

lok sabha elections 2024 western giants will decide in the first phase of up

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के धुरंधर नेताओं का भाग्य मतपेटियों के कैद हो जाये...

सहारनपुर: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के धुरंधर नेताओं का भाग्य मतपेटियों के कैद हो जायेगा। पहले चरण में कांग्रेस के इमरान मसूद, समाजवादी पार्टी (सपा) की इकरा हसन, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संजीव बालियान, जितिन प्रसाद और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के चंदन चौहान जैसे नामचीन नेता किस्मत आजमा रहे हैं। 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव के पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर कुल 80 प्रत्याशी मैदान में हैं। सबसे ज्यादा 14 कैराना और सबसे कम छह-छह उम्मीदवार नगीना सुरक्षित और रामपुर से ताल ठोंक रहे हैं। दिलचस्प है कि सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, पीलीभीत, रामपुर, अमरोहा, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद ऐसे चुनाव क्षेत्र हैं जहां इस बार कोई भी मौजूदा सांसद चुनाव मैदान में नहीं है। सहारनपुर में बसपा ने सांसद फजर्लुरहमान कुरैशी के स्थान पर माजिद अली को उम्मीदवार बनाया हैं। बिजनौर सीट पर बसपा ने अपने सांसद मलूख नागर का टिकट काट दिया हैं और उनके स्थान पर जाट बिरादरी के बिजेंद्र सिंह उम्मीदवार बनाए गए हैं।       

नगीना सुरक्षित सीट से 2019 का चुनाव बसपा टिकट पर डेढ़ लाख के अंतर से जीतने वाले और 56 फीसद वोट हासिल करने वाले गिरिश चंद जाटव को मायावती ने इस बार बुलंदशहर भेज दिया है। मुरादाबाद के सपा सांसद डा. एसटी हसन जिन्होंने 2019 में एक लाख के अंतर से सीट जीती थी। अबकी उम्मीदवार नहीं बनाए गए हैं। अखिलेश यादव ने बिजनौर की पूर्व विधायक और वैश्य बिरादरी की महिला नेत्री रूचि वीरा को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर भाजपा ने 2014 में सांसद चुने गए कुंवर सर्वेश सिंह को उम्मीदवार बनाया है। पीलीभीत सीट पर पिछले चुनाव में मेनका गांधी के बेटे वरूण गांधी सांसद चुने गए थे। इस बार भाजपा ने उनका टिकट काटकर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और ब्राह्मण नेता जितिन प्रसाद को प्रत्याशी बनाया हैं। वरूण गांधी इस बार कहीं से भी चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। रामपुर सीट जो आजम खां का घर और गढ़ मानी जाती है। 2019 में 52 फीसद वोट लेकर चुनाव जीते थे। उन्होंने मशहूर सिने तारिका भाजपा की जयप्रदा को एक लाख 11 हजार वोटों के अंतर से हराया था। 

जेल में बंद आजम खां के बजाए सपा ने मुहिबुल्ला को प्रत्याशी बनाया हैं। भाजपा ने उपचुनाव में सांसद बने घनश्याम लोधी पर ही इस बार भरोसा जताया। मेरठ के भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटकर भाजपा ने रामायण के राम गोविल को उम्मीदवार बनाया है। राजेंद्र अग्रवाल पिछले तीन चुनावों से मेरठ से सांसद चुने जाते रहे हैं। टिकट कटने के बावजूद राजेंद्र अग्रवाल समर्पित भाजपाई की तरह अरूण गोविल की चुनाव बागडोर संभाले हैं। बागपत और गाजियाबाद दो ऐसे चुनाव क्षेत्र हैं जहां के दो-दो बार जीते सांसद अबकी चुनाव मैदान से भाजपा ने बाहर कर दिए हैं। बागपत सीट लोकदल कोटे में चली गई हैं मुंबई के कमिश्नर रहे सत्यपाल तोमर के बजाए रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने नए उम्मीदवार राजकुमार सांगवान को प्रत्याशी बनाया है। मतदान में एक पखवाड़ा बाकी हैं लेकिन इस सीट पर अभी भाजपा और रालोद कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय नहीं बन पाया हैं। पूर्व विधायक सपा उम्मीदवार अमरपाल शर्मा तगड़ी चुनौती प्रस्तुत कर रहे हैं।              

गाजियाबाद सीट जहां के सांसद और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का टिकट काटे जाने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के राजपूतों में नाराजगी दिख रही है उनके स्थान पर भाजपा ने स्थानीय विधायक और पूर्व मंत्री वैश्य बिरादरी के बड़े नेता अतुल गर्ग को प्रत्याशी बनाया है। जनरल वीके सिंह 2014 में पांच लाख 67 हजार 260 वोटों के अंतर से और 2019 में पांच लाख एक हजार 500 वोटों के अंतर से चुनाव जीते थे। टिकट कटने से वीके सिंह तो नाराज नहीं हैं लेकिन वह अपनी नाराज बिरादरी को मनाने का भी कोई प्रयास करते नहीं दिख रहे हैं। अमरोहा सीट पर पिछला चुनाव बसपा के टिकट पर जीते दानिश अली अबकी कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे हैं। उनका मुकाबला भाजपा के पूर्व सांसद कंवर सिंह तंवर से है। सहारनपुर पहले नंबर की लोकसभा सीट है। पिछले चुनाव में भाजपा उम्मीदवार राघव लखनपाल शर्मा चुनाव हार गए थे। 

विपक्षी उम्मीदवार चर्चित मुस्लिम नेता इमरान मसूद के प्रभाव को स्वीकार करते हुए भाजपा नेतृत्व सहारनपुर सीट को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंके हुए है। दस-बारह दिन के दौरान दो बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दोनों उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य एवं केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर भाजपा के समर्थन में आ चुके हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भी आने की संभावना है। तीसरी बार चुनाव मैदान में डटे इमरान मसूद अपने चुनाव अभियान की खुद ही अगुवाई कर रहे हैं और क्षेत्र में सक्रियता बनाए हुए हैं। 
 

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