Edited By Ajay kumar,Updated: 15 Dec, 2023 07:14 PM
हेड कांस्टेबल पत्नी की निर्मम हत्या करने के आरोपी पति को सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने दोषी करार दिया है। कोर्ट सबूतों व गवाहों के आधार पर दोषी पति को आजीवन कारावास की सजा के साथ 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। दोषी अपनी पत्नी पर शक करता था, जिस...
कानपुर: हेड कांस्टेबल पत्नी की निर्मम हत्या करने के आरोपी पति को सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने दोषी करार दिया है। कोर्ट सबूतों व गवाहों के आधार पर दोषी पति को आजीवन कारावास की सजा के साथ 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। दोषी अपनी पत्नी पर शक करता था, जिस कारण वर्ष 2018 में उसने घटना को अंजाम दिया था।
चापड़ से काटकर की थी हत्या
20 नवंबर 2018 में योगेंद्र विहार, खाड़ेपुर निवासी शारदा सिंह भदौरिया की उसके पति वीरेंद्र सिंह भदौरिया ने चापड़ से काट कर हत्या कर दी थी। बेटे शिव सिंह भदौरिया ने पिता वीरेंद्र के खिलाफ नौबस्ता थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि उनकी मां शारदा सिंह भदौरिया उन्नाव कोतवाली में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात थी। 20 नवंबर 2018 की सुबह वह शौच को गया था, तभी कमरे से मां की चीखने की आवाज सुनाई दी।
मां पर शक करते थे पिता
शिव सिंह कमरे में पहुंचा तो देखा कि पिता वीरेंद्र सिंह भदौरिया ने उन्हें चापड़ से काट कर मौत के घाट उतार दिया था। शिव सिंह को देख वीरेंद्र मौके से फरार हो गया था। शिव ने नौबस्ता पुलिस को बताया था कि पिता मां पर शक करते थे, जिस कारण उसने घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने आरोपी वीरेंद्र सिंह भदौरिया को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
मृतका की किरायेदार अनीता द्विवेदी समेत कई गवाह कोर्ट में प्रस्तुत किए गए
सीएमएम कोर्ट ने आरोप पत्रों को संज्ञान में लेने के बाद 15 जनवरी 2019 को मामला सत्र न्यायालय को सौंप दिया था। सत्र न्यायालय में फरवरी 2019 में वीरेंद्र सिंह भदौरिया के खिलाफ आरोप तय किए गए, जिसके बाद मुकदमें का ट्रायल हुआ। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से मृतका के पुत्र शिवसिंह, बहन भाग्यवती, पिता सुखियाल सिंह, मृतका की किरायेदार अनीता द्विवेदी समेत कई गवाह कोर्ट में प्रस्तुत किए गए।कोर्ट में अभियोजन की ओर से पेश किए गए गवाहों व सबूतों के आधार को सत्र न्यायाधीश द्वितीय प्रदीप कुमार सिंह ने मूलरुप से फतेहपुर, थाना जाफरगंज, अरगल निवासी वीरेंद्र सिंह को पत्नी की हत्या का दोषी करार दिया। वीरेंद्र सिंह को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्मान न भरने के एवज में तीन महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई।