Kalindi Mahotsav 2023: यमुना तट पर जलाए गए सवा लाख दीप, उत्तराखंड में फंसे मजदूरों के लिए की गई विशेष पूजा-आरती

Edited By Mamta Yadav,Updated: 22 Nov, 2023 10:38 PM

kalindi mahotsav 2023 1 25 lakh lamps lit on yamuna banks

देवोत्थान एकादशी की पूर्व संध्या पर संगम नगरी प्रयागराज में परंपरागत तौर पर इस बार भी दीपदान महायज्ञ एवं कालिंदी महोत्सव का आयोजन किया गया। इस मौके पर जूना अखाड़े के मौज गिरि घाट पर सवा लाख दीप जलाए गए। इसके अलावा मां यमुना की भव्य आरती और आतिशबाजी...

Prayagraj News, (सैय्यद आकिब रजा): देवोत्थान एकादशी की पूर्व संध्या पर संगम नगरी प्रयागराज में परंपरागत तौर पर इस बार भी दीपदान महायज्ञ एवं कालिंदी महोत्सव का आयोजन किया गया। इस मौके पर जूना अखाड़े के मौज गिरि घाट पर सवा लाख दीप जलाए गए। इसके अलावा मां यमुना की भव्य आरती और आतिशबाजी भी की गई। एक साथ हजारों दीप जलने से यमुना नदी और उसका मौजगिरि घाट दूधिया रोशनी से नहा उठा। दीपों की रोशनी में वहां का नजारा ऐसा लग रहा था, मानों एक साथ हजारों सितारे आसमान से उतरकर ज़मीन पर टिमटिमा रहे हैं। इस मौके पर सर्व कल्याण के साथ ही देश और दुनिया में शांति व खुशहाली होने की ख़ास तौर पर प्रार्थना की गई। महोत्सव वा महायज्ञ में सैकड़ों की संख्या में आम नागरिक भी शामिल हुए। कार्यक्रम में मौजूद संत महात्माओं व श्रद्धालुओं ने मां यमुना की विशेष आरती भी की। दीपदान के लिए यमुना की धारा में एक दर्जन से ज्यादा नावों का विशेष इंतजाम किया गया था। इस दौरान जिसने भी यह नजारा देखा, वह बस देखता ही रह गया।
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इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के प्रमुख संतों के संरक्षण वाली संस्था श्री दत्तात्रेय सेवा समिति की तरफ से किया गया था। दीपदान महायज्ञ और कालिंदी महोत्सव में जूना अखाड़े के सभापति महंत प्रेम गिरि महाराज समेत तमाम दूसरे अखाड़ों के संत महात्मा मौजूद थे। इस बार के आयोजन में मौजूद साधू संतों और सैकड़ों श्रद्धालुओं ने अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर के 22 जनवरी को होने जा रहे लोकार्पण एवं प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खुशी जताई गई और कहा गया कि सनातन धर्मियों के लिए यह पल इसलिए अद्भुत और अलौकिक होगा क्योंकि रामलला तकरीबन पांच सौ सालों के बाद फिर से अपने घर में विराजमान होंगे और दुनिया भर के करोड़ों रामभक्त आसानी से उनका दर्शन पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे। इस मौके पर हाल के दिनों में दुनिया में कई जगहों हुए आतंकी हमले की निंदा की गई और समूचे विश्व में शांति वा भाईचारा कायम रहने की खास तौर पर प्रार्थना की गई। समारोह में उत्तराखंड की टनल में फंसे 41 मजदूरों की सलामती के लिए भी प्रार्थना की गई।
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दीपदान महायज्ञ और कालिंदी महोत्सव का शुभारंभ इलाहाबाद हाईकोर्ट की जज जस्टिस मंजू रानी चौहान ने दीप जलाकर किया, जबकि विशिष्ट अतिथि के तौर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री पंच दशनाम नाम जूना अखाड़े के सभापति श्रीमंत प्रेम गिरि जी महाराज ने की। कार्यक्रम का कुशल संचालन और अतिथियों का स्वागत श्री दत्तात्रेय सेवा समिति के संयोजक पत्रकार धीरेंद्र कुमार द्विवेदी ने किया। महोत्सव में प्रसिद्ध भजन गायक आशुतोष श्रीवास्तव और उनके सहयोगियों ने भजन वा सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। मां गंगा, मां यमुना वा अन्य को समर्पित भजनों ने महोत्सव में मौजूद साधु संतों व श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। महोत्सव में जूना अखाड़े के सचिव महंत चैतन्य पुरी महाराज, ग्वालियर मध्य प्रदेश से आए महंत शिवानंद गिरि जी महाराज, जूना अखाड़े के प्रबंधक हरि शंकर गिरि महाराज, तक्षक तीर्थ पीठाधीश्वर रवि शंकर जी महाराज, किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कल्याणी नंद गिरि, जूना अखाड़े की मातृ शक्ति गंगा गिरि, यमुना गिरि और सरस्वती गिरि भी खास तौर पर मौजूद रहीं। कार्यक्रम का शुभारंभ केसर भवन स्थित वेद विद्यालय के वेदपाठी बटुकों के वेद मंत्रों के साथ हुआ।
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समारोह में इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति मुख्य अतिथि जस्टिस मंजू रानी चौहान ने कहा कि संतों और गुरुओं में साक्षात भगवान वास करते हैं। संतों के उपदेशों का पालन कर और उनके जैसा आचरण कर ही देश और समाज को समृद्धशाली और शांत बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संत स्वभाव के योगी पुरुष हैं, जबकि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पहले संत और बाद में मुख्यमंत्री हैं। अगर उच्च पदों पर बैठे सभी लोग संतों जैसा आचरण करने लगे तो भारत को एक बार फिर से विश्वगुरू बनने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि इस बड़े लक्ष्य के लिए सामाजिक समरसता बेहद जरूरी है, क्योंकि समाज को वर्गों में बांटकर और छोटे बड़े का भेद कर इसे प्राप्त नहीं किया जा सकता।

जस्टिस शेखर कुमार यादव ने इस मौके पर कहा कि कण कण और प्रत्येक मनुष्य में भगवान होते हैं, इसलिए कभी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। सभी का आदरपूर्वक सम्मान करना चाहिए। समाज में कोई भी छोटा बड़ा नहीं होता। ईश्वर ने व्यवस्था को संचालित करने के लिए सभी को अलग अलग दायित्व सौंपे हैं। उन्होंने कहा कि दीपदान और कालिंदी महोत्सव जैसे आयोजनों से बच्चों और युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति वा परंपराओं को बेहतर तरीके से समझने वा इसके करीब जाने का मौका मिलता है। उन्होंने अपने संबोधन में सामाजिक एकता के जरिए राष्ट्र की प्रगति पर बल दिया।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में जूना अखाड़े के सभापति महंत प्रेम गिरि ने कहा कि धर्म के रास्ते पर चलकर ही श्रेष्ठ मनुष्य बना जा सकता है। धर्म हमें मर्यादा और अनुशासन में रहते हुए लक्ष्य तक पहुंचने के बारे में जानकारी देता है। धर्म के जरिए ही ईश्वर तक पहुंचा जा सकता है। ईश्वर के नजदीक जाना ही परम सुख का एहसास कराता है। अतिथियों का धन्यवाद पूर्व शासकीय अधिवक्ता डी आर चौधरी ने किया। गौरतलब है कि देवोत्थान एकादशी का सनातन धर्म में ख़ासा महत्व है। इस मौके पर भगवान विष्णु न सिर्फ फिर से निद्रा से जग जाते हैं, बल्कि चातुर्मास का समापन हो जाता है और शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। श्री दत्तात्रेय सेवा समिति देवोत्थान एकादशी की पूर्व संध्या पर हर साल जूना अखाड़े के मौजगिरि पर दीपदान महायज्ञ वा कालिंदी महोत्सव का आयोजन करती है। इस मौके पर प्रयागराज पुलिस की तरफ से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।

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