Edited By Ajay kumar,Updated: 10 Apr, 2020 10:59 AM
कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। दिन-ब-दिन मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर डॉक्टर राममनोहर...
लखनऊः कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। दिन-ब-दिन मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर डॉक्टर राममनोहर लोहिया संस्थान को अंतरराष्ट्रीय स्तर का कोविड-19 अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया है। पहले इसे कोविड-2 अस्पताल बनाने की तैयारी थी।
बता दें कि शहीद पथ स्थित संस्थान के मातृ-शिशु रेफरल अस्पताल को इसके लिए चुना गया था। इसके तहत यहां 200 बेड पहले से ही निर्धारित किए जा चुके हैं, मगर अब इसे लेवल-3 अस्पताल के तौर पर विकसित किया जा रहा है। यहां अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के तहत कोरोना मरीजों का इलाज किया जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार अस्पताल में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
ICU की होगी स्टेबल व अनस्टेबल दो कैटेगरी
कोरोना ICU में स्टेबल और अनस्टेबल कैटेगरी बनाई जाएगी। ICU में क्रिटिकल कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ही रखा जाएगा। इसमें 10 वेंटिलेटर और 20 बेड होंगे। 10 बेड स्टेबल और 10 अनस्टेबल कैटेगरी के मरीजों के लिए होंगे। इस दौरान अगर किसी अनस्टेबल मरीज की हालत में सुधार आती है तो उसे स्टेबल बेड पर शिफ्ट कर दिया जाएगा और किसी स्टेबल मरीज की तबीयत बिगड़ती है तो उसे अनस्टेबल के तौर पर वेंटिलेटर पर ले लिया जाएगा। यह एक अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल है।
रोजाना की जा सकेगी 100 नमूनों की जांच
संस्थान के डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के कोविड-19 अस्पताल की तैयारी पूरी हो चुकी है। मरीजों के नमूने भी यहीं जांचे जाएंगे। लोहिया संस्थान में कोरोना लैब बनकर तैयार हो गए हैं। मौजूदा किट से यहां रोजाना 100 नमूनों की जांच की जा सकेगी। रैपिड किट मिलने पर संख्या बढ़ाई जा सकेगी।
संस्थान के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने बताया कि अगले तीन दिनों में कोविड अस्पताल शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। रैपिड किट मिलने पर बेड संख्या बढ़ाई जाएगी। इससे पहले शहीद पथ स्थित संस्थान के मातृ-शिशु अस्पताल में पहले ही रेफर किए जा चुके हैं। निर्धारित सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों का यहां पालन होगा। यहां संदिग्ध मरीजों की जांच से लेकर कन्फर्म मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने व उससे किसी अन्य में संक्रमण न फैलने देने के समस्त अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल पूरे किए जाएंगे।