EVM प्रणाली के खिलाफ पुख्ता सुबूत जुटाने के लिए लड़ रहा हूं रामपुर से चुनाव: महमूद प्राचा

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 18 Apr, 2024 01:45 PM

i am contesting elections from rampur to gather solid evidence against

रामपुर लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महमूद प्राचा का कहना है कि वह इलेक्ट्रॉनि...

रामपुर: रामपुर लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महमूद प्राचा का कहना है कि वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से मतदान कराये जाने के खिलाफ पुख्ता सुबूत इकट्ठा करने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं और उनका चुनाव लड़ने का तरीका भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ लड़ रहे प्रत्याशियों के लिए एक 'रोल मॉडल' बन रहा है। उन्होंने ईवीएम के खिलाफ अपने आंदोलन में विपक्षी दलों के खुलकर साथ नहीं देने पर अफसोस भी जताया। मगर कहा कि उनका आंदोलन जनता के दिल में घर कर गया है। 

खुद को आंबेडकरवादी कहने वाले प्राचा ने बातचीत में कहा, "मेरा मानना है कि चुनाव कानूनन तभी वैध है जब वह मतपत्र से हो। मेरे पास इसके सारे सुबूत हैं। विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (‘इंडिया') की तरफ से राहुल गांधी और फारूक अब्दुल्ला ने ईवीएम के खिलाफ बात तो की लेकिन वह सड़कों पर नहीं आए।" उन्होंने दावा किया, "आज तक ईवीएम के खिलाफ अदालत में कोई भी याचिका पक्के सुबूत इकट्ठा करके नहीं डाली गई, इसी वजह से वे सभी खारिज हो गईं। चुनाव आयोग ईवीएम को किसी के हाथ में नहीं दे रहा है। इसलिए मेरे सभी साथी कार्यकर्ताओं ने यह तय किया कि हम एक प्रत्याशी को लड़ाएंगे, मगर ऐसी सीट से जहां अनुकूल समीकरण न होने पर भी भाजपा जीत चुकी हो। मेरे चुनाव लड़ने के लिए रामपुर सीट इसीलिए चुनी गई है।" 

प्राचा ने कहा, "हमने अपने सभी लोगों ने गुजारिश की थी कि यह हारी हुई सीट कम से कम इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के नाम पर छोड़ दी जाए ताकि हम सुबूत इकट्ठा करके एक मजबूत कानूनी कार्रवाई कर सकें।" उन्होंने कहा, "मेरे चुनाव लड़ने के तरीके से सीख कर बाकी सीटों पर भी लोग इसी तरह ही चुनाव लड़ेंगे ताकि ईवीएम से होने वाली धांधली और चोरी को पकड़ा जा सके। मेरा चुनाव इस मामले में रोल मॉडल बन रहा है।" इस तरह से चुनाव लड़ने वाले लोग आखिर कौन होंगे, इस सवाल पर प्राचा ने कहा, "वह सभी लोग होंगे जो इस वक्त भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।" प्राचा ने आरोप लगाया कि पिछले दो चुनाव में मुस्लिम समाज और दलित समाज को पुलिस के जोर पर वोट तक नहीं डालने दिया गया, इसलिए लोकतंत्र के लिए ईवीएम और लोगों को वोट नहीं डालने देना सबसे ज्यादा खतरनाक है। 

उन्होंने कहा कि जो उम्मीदवार बहादुरी से संविधान और कानून पर अमल कर सकता है वही इन चीजों को रोक सकता है। विपक्षी दलों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के खिलाफ आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग नहीं लेने के सवाल पर प्राचा ने कहा, "हमने समर्थन मांगा था। उन्होंने ना तो हमें समर्थन दिया और ना ही मना किया। ईवीएम प्रणाली के खिलाफ सामूहिक प्रदर्शन में राजनीतिक दल हमारे साथ आ जाते तो कुछ और बात होती लेकिन हमारा आंदोलन जनता के दिल में घर कर चुका है।" उन्होंने कहा, "भले ही राजनीतिक दल खुलकर मेरा साथ ना दें लेकिन हर एक पार्टी का वरिष्ठ नेता यह मानता है कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में कुछ गड़बड़ है।" रामपुर में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत आगामी 19 अप्रैल को मतदान होगा।
 

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