ज्ञानवापी मामला: 'वज़ूखाने' को एएसआई सर्वे में शामिल करने की याचिका पर फैसला सुरक्षित

Edited By Ramkesh,Updated: 19 Oct, 2023 07:57 PM

gyanvapi case decision reserved on the petition to include

Gyanvapi case जिले की एक अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के 'वज़ूखाने' को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वेक्षण में शामिल करने की याचिका पर अपना आदेश बृहस्पतिवार को 21 अक्टूबर के लिए सुरक्षित रख लिया। जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश मिश्रा ने कहा,...

वाराणसी: जिले की एक अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के 'वज़ूखाने' को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वेक्षण में शामिल करने की याचिका पर अपना आदेश बृहस्पतिवार को 21 अक्टूबर के लिए सुरक्षित रख लिया। जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश मिश्रा ने कहा, ''जिला न्यायाधीश ए के विश्वेश की अदालत में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें ज्ञानवापी परिसर में सील किए गए वज़ूखाने के सर्वेक्षण की मांग की गई थी। याचिका पर आज सुनवाई पूरी करते हुए अदालत ने अपना आदेश 21 अक्टूबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।"

 यह याचिका वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले की याचिकाकर्ताओं में से एक राखी सिंह ने दायर की थी। हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा गया कि फिलहाल वजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया जा रहा है लेकिन वजूखाने के सर्वेक्षण के बिना ज्ञानवापी परिसर का सच सामने नहीं आ सकता। इसलिए वज़ूख़ाने का भी सर्वे कराना ज़रूरी है।''

मस्जिद पक्ष ने इस पर अपनी आपत्ति करते हुए अदालत के समक्ष कहा कि वज़ूखाने का इलाका उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सील किया गया है। उसने आरोप लगाया कि हिंदू पक्ष ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डालने के लिए ऐसी मांग की है। एएसआई यहां काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं।

 एएसआई का सर्वेक्षण तब शुरू हुआ था जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा था और फैसला सुनाया था कि यह कदम "न्याय के हित में आवश्यक" है और इससे हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को लाभ होगा। पहले की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति करते हुए आरोप लगाया था कि एएसआई ज्ञानवापी परिसर के तहखाने के साथ-साथ अन्य स्थानों पर बिना अनुमति के खुदाई कर रहा है और ढांचे की पश्चिमी दीवार पर मलबा जमा कर रहा है, जिससे संरचना के ढहने का खतरा है। मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि एएसआई टीम मलबा या कचरा हटाकर परिसर का सर्वेक्षण करने के लिए अधिकृत नहीं है। मस्जिद पक्ष इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय भी गया था। शीर्ष अदालत ने चार अगस्त को एएसआई सर्वेक्षण पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। ज्ञानवापी परिसर के चल रहे सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए एएसआई को छह नवंबर तक का समय दिया गया है। 
 

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