Edited By Anil Kapoor,Updated: 08 Feb, 2021 04:47 PM
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश में भूख पर व्यापार करने की इजाजत नहीं दी जा सकती, इसके साथ ही उन्होंने उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कानून बनाने और नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग दोहराई। भारतीय किसान यूनियन के....
गाजियाबाद: किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश में भूख पर व्यापार करने की इजाजत नहीं दी जा सकती, इसके साथ ही उन्होंने उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कानून बनाने और नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग दोहराई। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने यह टिप्पणी राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के तुरंत बाद की। प्रधानमंत्री ने कहा था कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) है, एसएसपी था और एमएसपी रहेगा।
टिकैत ने संवाददाताओं से कहा कि देश में भूख पे व्यापार नहीं होगा। भूख जितनी लगेगी अनाज की कीमत उतनी होगी। देश में भूख से व्यापार करने वालों को बाहर निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह विमानों के टिकटों की कीमत दिन में 3 से 4 बार बदलती है, उस तरीके से फसल की कीमत तय नहीं की जा सकती। प्रधानमंत्री ने कहा था कि एक ‘‘नया समुदाय'' उभरा है जो ‘‘प्रदर्शनों में लिप्त'' है। इस पर टिप्पणी करते हुए टिकैत ने कहा कि हां, इस बार यह किसान समुदाय है जो उभरा है और लोग किसानों का समर्थन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नए कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने यह रेखांकित किया है कि एमएसपी को लेकर कोई कानून नहीं है जिसकी वजह से व्यवसायी कम कीमतों पर उनकी उपज खरीदकर उन्हें लूटते हैं। उन्होंने किसानों के जारी आंदोलन को जाति और धर्म के आधार पर बांटने के प्रयासों की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि इस अभियान को पहले पंजाब के मुद्दे के रूप में दर्शाया गया, उसके बाद सिख और फिर जाट मुद्दे के रूप में इसे पेश किया गया। इस देश के किसान एकजुट हैं। कोई भी किसान बड़ा या छोटा नहीं है। यह अभियान सभी किसानों का है।