Edited By ,Updated: 27 Mar, 2017 05:37 PM
अवैध बूचड़खानों के खिलाफ योगी सरकार की कार्रवाई से राजधानी लखनऊ में काफी हलचल है। बता दें कि अमीनाबाद की सबसे मशहूर टुंडे कबाब की दुकान पर जहां....
लखनऊः अवैध बूचड़खानों के खिलाफ योगी सरकार की कार्रवाई से राजधानी लखनऊ में काफी हलचल है। बता दें कि अमीनाबाद की सबसे मशहूर टुंडे कबाब की दुकान पर जहां सुबह से शाम तक सैकड़ों की तादाद में नॉनवेज खाने वालों का तांता लगा रहता था, वहां आज कारोबारियों की हड़ताल की वजह से ताला लटक गया है।
बादशाह के हुक्म से पूरा धंधा हो गया है ठप्प
हड़ताल के असर को देखते टुंडे कवाबी के मालिक मोहम्मद उस्मान ने एक निजी इंटरव्यू में कहा है कि असल में कवाब बनाने में भैंस के मीट का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यूपी में बंद हुए अवैध स्लॉटरहाउस की वजह से पूरे प्रदेश में मीट की आपूर्ति प्रभावित हुई है। इसी वजह से पूरा धंधा ठप पड़ गया है।
सरकार साफ-सुथरे बूचड़खाने का करें निर्माण
उस्मान की माने तो जो मुल्क का 'बादशाह' होता है उसे सोच समझकर फैसला लेना चाहिए। वो सबका अन्न दाता होता है। ऐसे में योगी सरकार जो भी फैसला लेगी उससे सबका साथ, सबका विकास होगा। इसलिए सरकार को साफ-सुथरे बूचड़खाने का निर्माण करवाना चाहिए। अचानक किसी भी बूचड़खानों पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। कृप्या सरकार नया कानून लाए।
पुश्तैनी दुकान 4 दिनों से करनी पड़ रही बंद
साथ ही मोहम्मद का यह भी कहना है कि उनके दादा ने ये खास कबाब बनाना शुरू किया था और तब से लेकर आज तक ये कबाब नजीराबाद स्थित पुश्तैनी दुकान से ही बिक रहे हैं। हालांकि भैंस के मीट की कमी के वजह से उन्हें अपनी दुकान 4 दिनों से बंद करनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि वो रोजाना 60-70 हजार रुपए का कारोबार कर लेते थे, लेकिन हड़ताल की वजह से पूरा धंधा ठप पड़ गया है। उस्मान ने कहा कि उनकी दुकान में रोजाना 40 क्विंटल भैंस के मांस का कवाब बनाया जाता है, लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि 2 क्विंटल मीट मिलना मुश्किल हो गया है।
दरअसल, यूपी की राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के अनेक जिलों में बूचड़खाने बंद किए जाने से नॉनवेज परोसने वाले होटलों और रेस्त्रां को पहले से ही दिक्कत हो रही है।अब मीट कारोबारियों और मछली विक्रेताओं के भी हड़ताल पर जाने से ऐसे प्रतिष्ठानों पर बंदी की आशंका है।