Edited By Deepika Rajput,Updated: 26 May, 2018 02:55 PM
केंद्र सरकार के ‘एक देश एक कर’ नीति का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली उपभोक्ताओं से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तौर पर की जा रही वसूली पर रोक की मांग की है।
लखनऊः केंद्र सरकार के ‘एक देश एक कर’ नीति का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली उपभोक्ताओं से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तौर पर की जा रही वसूली पर रोक की मांग की है।
परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने राज्यसभा सेक्रेटरी जनरल देश दीपक वर्मा से मुलाकात कर कहा कि बिजली कंपनियां अनेकों सेवाओं के मद में उपभोक्ताओं से 18 प्रतिशत शुल्क जीएसटी के तौर पर वसूलती है, जबकि बिजली के बिल में इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी रूपी कर जुड़ा होता है। ऐसे में बिजली क्षेत्र में केंद्र सरकार के एक देश एक कर की नीति सर्वथा बेमानी है। उन्होंने कहा कि बिजली की सेवाओं से जीएसटी समाप्त नहीं होने तक परिषद लगातार विरोध करेगा।
परिषद अध्यक्ष ने वर्मा के सामने यह मुद्दा उठाया कि एक तरफ भारत सरकार द्वारा बिजली के ट्रांसमिशन व वितरण की सेवाएं जीएसटी से मुक्त रखी गई हैं। जीएसटी दर शून्य है। प्रदेश की बिजली कंपनियां अर्थ का अनर्थ लगाकर विजली की अनेकों सेवाओं पर जीएसटी 18 प्रतिशत वसूल कर रही हैं। वर्मा ने उपभोक्ता परिषद का ज्ञापन लेने के बाद उपभोक्ता परिषद को यह आश्वासन दिया कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के हित में न्याय दिलाने का यथा संभव प्रयास किया जाएगा।