अलीगढ़ में सर्वे के दौरान खुली मदरसों की पोल, हकीकत जान अफसर रह गए दंग, पढ़े पूरी खबर

Edited By Khushi,Updated: 17 Sep, 2022 04:37 PM

during the survey in aligarh the poll of madrasas opened

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आदेश पर मदरसों के सर्वे का काम जोरो-शोरो से चल रहा है। प्रशासन की कई टीमें मिलकर यूपी के हर जिले में मदरसे का सर्वे कर रही हैं। इसके चलते अलीगढ़ में भी डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, बेसिक...

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आदेश पर मदरसों के सर्वे का काम जोरो-शोरो से चल रहा है। प्रशासन की कई टीमें मिलकर यूपी के हर जिले में मदरसे का सर्वे कर रही हैं। इसके चलते अलीगढ़ में भी डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग और संबंधित तहसील की टीमें बनाकर मदरसों में सर्वे के लिए निर्देश दिए हैं। बता दें कि सरकार की ओर से टीमों को आदेश है कि 15 अक्टूबर तक सर्वे पूरा कर लें और 25 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपे।

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फैजाने नूरआन के मौलाना ने कहा
जानकारी के मुताबिक जिले में सर्वे की टीम नगला पटवारी क्षेत्र और दोदपुर इलाके के गैर मान्यता प्राप्त मदरसा फैज़ान ए मुस्तफा और फैजान ए नूरआन में पहुंची। यहां पर मदरसा के संचालक से टीम ने बात की। फैजाने नूरआन के मौलाना मकसूद आलम ने सर्वे टीम को बताया कि 2009 में यूपी सरकार की ओर से सोसाइटी रजिस्ट्रेशन कराया है। उसके बाद सर्वे में हमने अपना जो सोसाइटी रजिस्ट्रेशन है। उन्होंने बताया कोविड के कारण हमने भी मदरसे को बंद किया था, उसके बाद आर्थिक प्रॉब्लम की वजह से चालू नहीं कर पाए थे, लेकिन अभी हमने 1 तारीख से मौलाना साहब को रख कर फिर से ओपन किया है। मदरसे में मेरे अलावा एक और मौलाना साहब हैं। हमारे पास करीब 16 बच्चियां और 20 बच्चे हैं। मौलाना मकसूद ने मदरसे के इनकम की जानकारी देते हुए बताया कि जो लोग दुआ के लिए आते हैं और कुछ लोग हैं जो कंट्रीब्यूटर करते हैं उसी से मदरसा चलाते हैं।

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बिना नाम का है मदरसा
इसके बाद टीम नजदीक ही फैज़ान ए मुस्तफा मदरसे में गई। यहां सर्वे के दौरान मदरसे की पोल ही खुल गई। टीम को पता चला कि इस मदरसे का कोई नाम ही नहीं था, बल्कि यह अक्सा मस्जिद के द्वारा संचालित था। यहां पढ़ने वाले 250 बच्चे कुरान की तालीम लेते हैं। इसका कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ 4 से 5 टीचर हैं। इनकम की बात करें तो मस्जिद को मिलने वाले चंदे से काम चलाया जाता है।

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अक्सा मस्जिद के नाम से चल रहा मदरसा
वहीं, जांच टीम के एक अधिकारी ने बताया कि अक्सा मस्जिद के नाम से चल रहा मदरसा 11 बिंदुओं में से एक भी मानक को पूरा नहीं कर रहा है। भवन भी मस्जिद के नाम से है। अधिकारी ने बताया कि मदरसा की ओर से मान्यता लेने के लिए कोई आवेदन भी नहीं किया गया है। ऐसे में हमने यहां पढ़ रहे बच्चों से कहा गया है कि वो अपना पास के ही किसी स्कूल में दाखिला करा सकते है। साथ ही पास के स्कूल टीचरों से भी कहा जाएगा कि मदरसा के लोगों से संपर्क कर बच्चों के एडमिशन अपने यहां कराएं।

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