Edited By Imran,Updated: 18 Jan, 2023 02:30 PM
साल 2024 के लोकसभा चुनाव में अभी एक साल से थोड़ा अधिक समय बचा हुआ है, लेकिन सियासी गतिविधियां धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगी है। केसीआर अपनी राष्ट्रीय पार्टी लॉन्च करने के बाद एक बड़ी रैली करने जा रहे हैं, जिसमें सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी शिरकत करेंगे।...
लखनऊ: साल 2024 के लोकसभा चुनाव में अभी एक साल से थोड़ा अधिक समय बचा हुआ है, लेकिन सियासी गतिविधियां धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगी है। केसीआर अपनी राष्ट्रीय पार्टी लॉन्च करने के बाद एक बड़ी रैली करने जा रहे हैं, जिसमें सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी शिरकत करेंगे। मगर उससे पहले सपा के वरिष्ठ सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने मायावती की मुक्त कंठ से प्रशंसा कर राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। बर्क ने मायावती को देश की जरूरत बताते हुए कहा कि उन्होंने कौम के लिए बहुत काम किया है।
संभल से समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद बर्क ने कहा कि मायावती सुप्रीमो हैं और बहैसियत मुसलमान हम भी उन्हें वोट करते हैं। मैं भी उनकी पार्टी में रह चुका हूं। मैं चुनाव जीता था और सपा चुनाव हार गई थी। मायावती एक शख्सियत हैं और देश को उनकी जरूरत है। बर्क का ये बयान ऐसे समय में आया है जब बसपा सुप्रीमो ने हाल ही में अपने जन्मदिन के मौके पर बड़ा सियासी ऐलान करते हुए कहा था कि आगामी चुनाव में वो किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन करने की बजाय अकेले चुनाव मैदान में उतरेंगी।
क्या सपा से नाराज हैं बर्क ?
सियासी गलियारों में संभल सांसद के बयान को सपा से उनकी नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, तीन सांसदों वाली समाजवादी पार्टी ने लोकसभा में मुरादाबाद से सांसद डॉ एसटी हसन को सदन में सपा नेता बना दिया है। बर्क पार्टी के इस फैसले से नाराज बताए जा रहे हैं। वह वरिष्ठता के मामले में हसन से कहीं अधिक सीनियर हैं। इसके अलावा शफीकुर्रहमान बर्क मायावती के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले से भी परेशान बताए जा रहे हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में संभल लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में उन्हें बीजेपी के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा था। वहीं, 2019 के आम चुनाव में उन्होंने बसपा – सपा उम्मीदवार के तौर पर बीजेपी को बड़े अंतर से हरा दिया था।
बसपा से सांसद रह चुके हैं बर्क
शफीकुर्रहमान बर्क एक जमाने में मायावती के करीब हुआ करते थे। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में उस दौरान मायावती यूपी की सीएम हुआ करती थीं, तब उन्होंने बसपा के टिकट पर संभल से बर्क को मैदान में उतारा था। बर्क ने वह चुनावी लड़ाई जीत ली थी। ऐसे में एकबार फिर से उनके ह्रदय परिवर्तन की अटकलें जोरों पर है।
पहले भी विवादित बयान दे चुके बर्क
सम्भल से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क आये दिन कोई न कोई ऐसा बयान देते रहते है जो सियासी बवंडर मचा देता है, इससे पहले लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु को लड़कों के बराबर 21 साल किए जाने पर उन्होंने एक ऐसा बयान दिया था जिसे बेहद शर्मनाक बता कर उनकी आलोचना हुई थी। बर्क ने इस बयान में कहा था की "शादी की उम्र बढ़ने से लड़कियां आवारगी करने लगेंगी।" बर्क ने तालिबानों की तुलना भारतीय आजादी के लड़ाकों से करने वाला एक बयान भी दिया था।
बड़ा सवाल, क्या बयानवीर को वापस लेगी बसपा ?
बहरहाल, अपने बयानों के लिए विवादित रहने वाले सांसद शफीकुर्थमान वर्क के इस बार के बयान ने केवल सियासी गलियारों में ही नहीं बल्कि सपा में भी खलबली मचा दी है, सपा से सांसद होते हुए भी उनके इस बयान के अलग अलग सियासी मायने निकाले जा रहे है, कुछ लोगो का कहना है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में बर्क की बढ़ती उम्र को देखते हुए सपा किसी और को उम्मीदवार बना सकती थी, इसीलिए बर्क ने अपना नया ठिकाना तलाश लिया है , वही सपा को भी साफ संदेश दे दिया है कि वो अभी चुके नही है, अगर पार्टी उनको नही चुनती है तो उनके पास दूसरे दलों खासकर बसपा से लड़ने का ऑप्शन मौजूद है। परन्तु बड़ा सवाल यह है कि क्या "शादी की उम्र बढ़ने से आवारगी करेंगी लड़कियां" जैसे शर्मनाक बयान देने वाले तथा तालिबानों को आजादी का लड़का बताने वाले सांसद शफीकुर्रहमान वर्क को बसपा प्रमुख मायावती वापस लेगी या नहीं ?