मुलायम सिंह की राजनीतिक विरासत बचाये रखने के साथ पार्टी को राष्ट्रीय दर्जा दिलाना अखिलेश के सामने सबसे बड़ी चुनौती

Edited By Ajay kumar,Updated: 12 Dec, 2022 07:32 PM

akhilesh is anxious to pay true tribute to netaji

समाजवादी पार्टी के संस्थापक स्व. मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक विरासत बचाये रखने के साथ पार्टी को अब राष्ट्रीय दल का दर्जा दिलाना सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सामने सबसे अहम चुनौती है।

लखनऊः समाजवादी पार्टी के संस्थापक स्व. मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक विरासत बचाये रखने के साथ पार्टी को अब राष्ट्रीय दल का दर्जा दिलाना सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सामने सबसे अहम चुनौती है। एक तरह से अपने गठन पात्र दस साल में ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने की दावेदार हो चुकी आम आदमी पार्टी ने 30 बरस पुरानी सपा को आईना दिखाया है।

मुलायम की परम्परागत सीट मैनपुरी की जीत को भले सपा ने 'नेताजी' के प्रति श्रद्धांजलि माना हो पर अखिलेश यादव का मन दटोलें तो पाते हैं कि पार्टी को 'राष्ट्रीय' का दर्जा दिलवाना नेताजी का सपना था, जिसे पूरा करना ही असल श्रद्धांजलि होगी। उनमें इसकी कसक भी दिखती है। बहरहाल, अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए सपा ने संवैधानिक औपचारिकताओं पर खरा उतरने की अब ठान ली है। हालिया गुजरात विधानसभा चुनाव में एक सीट हासिल कर सपा उत्साहित है। महाराष्ट्र में भी पार्टी को कामयाबी मिल चुकी है। ऐसे में पार्टी ने उप्र. के अलावा अन्य राज्यों में भी पैर जमाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए ज्यादा से ज्यादा राज्यों में चुनाव लड़ने की रणनीति पर काम होना है। इसके तहत सभी राज्यों में कार्यकर्ता सम्मेलन भी कराए जाने हैं।

पार्टी की सोच है कि महाराष्ट्र, गुजरात की ही तरह अन्य राज्यों में भी विधायक चुने गए तो इसका फायदा लोकसभा चुनाव में मिल सकता है। साथ ही इस रास्ते से राष्ट्रीय पार्टी बनने का सपना भी पूरा होना संभव है। इसी सोच के तहत सपा से गुजरात की 182 सीटों में से 20 सीटों पर उम्मीदवार उतरे, हालांकि जीत, मात्र एक की ही हुई। आगे नौ राज्यों में भी विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। उनमें से कम से कम चार में जैसे- कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में समाजवादी पार्टी अपने उम्मीदवारों को उतारने की रणनीति पर काम कर रही है।

डिंपल और अखिलेश ने किए बांके बिहारी के दर्शन
मैनपुरी में सपा की शानदार जीत के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव सपत्नीक डिंपल यादव के साथ ठाकुर बांके बिहारी के दरबार में मत्था टेकने पहुंचे। विशेष पूजा अर्चना के बाद मीडिया से मुखातिब पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर करारा निशाना साधते हुए रामपुर में बेईमानी से चुनाव जीतने का आरोप लगाया। अखिलेश व डिंपल यादव रविवार की देर शाम सैफई से ठाकुर बांके बिहारी मंदिर पहुंचे।

 

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