5000 करोड़ की लागत, 22 महीने की मेहनत...UP का पहला डेटा सेंटर तैयार, CM योगी करेंगे लोकार्पण

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 19 Oct, 2022 10:56 AM

5000 crore cost 22 months of hard work up s first data center ready

यूपी को 3 लाख स्क्वायर फीट परिसर में फैले यूपी के पहले डेटा सेंटर पार्क की सौगात मिलने वाली है। 22 महीने में तैयार किए गए इस डाटा सेंटर की 5 हजार करोड़ रुपए की लागत है। डेटा सेंटर पार्क शुरू होने के लिए तैयार है।...

Lucknow: यूपी को 3 लाख स्क्वायर फीट परिसर में फैले यूपी के पहले डेटा सेंटर पार्क की सौगात मिलने वाली है। 22 महीने में तैयार किए गए इस डाटा सेंटर की 5 हजार करोड़ रुपए की लागत है। डेटा सेंटर पार्क शुरू होने के लिए तैयार है। अत्याधुनिक डेटा सेंटर का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकार्पण करेंगे। हीरानंदानी समूह ने ग्रेटर नोएडा में लगभग तीन लाख वर्गफीट के परिसर में डेटा सेंटर योट्टा डी-1 विकसित किया है। नोएडा में डाटा सेंटर का कैंपस बनने से रोजगार में तेजी देखी जाएगी। स्थानीय लोगों के साथ-साथ पूरे देश के आईटी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को मौका मिलेगा। 

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डेटा सेंटर 31 अक्टूबर से लाइव होने को तैयार है। डेटा सेंटर बिल्डिंग की कुल क्षमता 5000 सर्वर रैक की है। साथ ही 28.8 मेगावाट आईटी पावर की सुविधा है, जिससे तकरीबन 48 घंटे का आईटी पावर बैकअप मिल सकेगा। हीरानंदानी समूह का डेटा सेंटर संबंधी उपक्रम ‘योट्टा’ के तहत कुल छह डेटा सेंटर बिल्डिंग बनाई जानी है। सभी के तैयार होने से डेटा सेंटर की कुल क्षमता 30 हजार सर्वर रैक की हो जाएगी। ऐसे में करीब 250 मेगावट बिजली का उत्पादन होगा।
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दिसंबर 2020 में हुआ डेटा सेंटर का शिलान्यास 
उल्लेखनीय है कि डेटा सेंटर का शिलान्यास दिसंबर 2020 में किया गया था। तीन जून में आयोजित तीसरे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में आए हीरानंदानी समूह के मुखिया निरंजन हीरानंदानी ने योगी सरकार की नीति और नीयत की सराहना करते हुए बताया था कि अगस्त 2020 में उनकी बातचीत उत्तर प्रदेश सरकार से शुरू हुई और अक्टूबर 2020 में हमें जमीन आवंटित हो गई।
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क्या है डेटा सेंटर पार्क?
डाटा सेंटर नेटवर्क से जुड़े हुए कंप्यूटर सर्वर का एक बड़ा समूह है. बड़ी मात्रा में डाटा भंडारण, प्रोसेसिंग व वितरण के लिए कंपनियों द्वारा इसका उपयोग किया जाता है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म मसलन फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, बैंकिंग, खुदरा, स्वास्थ्य सेवा, यात्रा/पर्यटन और अन्य ट्रांजेक्शन में बहुत अधिक डेटा पैदा होता है, जिसके संग्रहण के लिए डेटा सेंटर की बड़ी उपयोगिता है। वर्तमान में देश का अधिकांश डेटा देश के बाहर संरक्षित किया जाता है। अमेजॉन, एपल, गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट की वित्तीय मजबूती में डेटा का बड़ा योगदान है।

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