Edited By Anil Kapoor,Updated: 27 Apr, 2019 05:13 PM
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के प्रत्याशियों में 21 फीसदी उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। राज्य में सभी दलों ने एक बार फिर से बाहुबलियों और करोड़पतियों पर ही दाव लगाया है। यह खुलासा एसोसिएशन फॉर डैमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ए.डी.आर.)...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के प्रत्याशियों में 21 फीसदी उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। राज्य में सभी दलों ने एक बार फिर से बाहुबलियों और करोड़पतियों पर ही दाव लगाया है। यह खुलासा एसोसिएशन फॉर डैमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ए.डी.आर.) और यूपी इलेक्शन वॉच के सर्वे में हुआ है। चौथे चरण की 13 लोकसभा सीटों के 152 प्रत्याशियों में से 145 के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया गया तो उसमें 31 प्रत्याशियों (21 फीसदी) ने अपने ऊपर क्रिमिनल केस घोषित किए हैं। इनमें से 26 उम्मीदवारों यानी 18 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक चौथे चरण के 145 में से 57 उम्मीदवार (39 फीसदी) करोड़पति हैं। 6 उम्मीदवारों ने अपना पैन घोषित नहीं किया है तो 8 ने वार्षिक आय 50 लाख रुपए से ज्यादा घोषित की है।
सबसे रईस
- अनुराग शर्मा (झांसी) भाजपा 124 करोड़
- अन्नू टंडन (उन्नाव) कांग्रेस 81 करोड़
- बलबीर सिंह चंदेल (कानपुर) शिवसेना 66 करोड़
सबसे गरीब
- वंदना गुप्ता (खीरी) भारतीय शक्ति चेतना पार्टी 17 हजार
- भैयालाल (हरदोई) निर्दलीय 20 हजार
- नागेन्द्र कुमार (मिश्रिख) राष्ट्रीय श्रमजीवी दल 40 हजार
1 फीसदी ‘दागी’ बढ़ गए
ए.डी.आर. के मुताबिक चौथे चरण के विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि तीसरे चरण के मुकाबले 1 फीसदी उम्मीदवार बढ़ गए हैं जिन पर आपराधिक मुकद्दमे दर्ज हैं। वहीं शैक्षणिक योग्यता में अन्य 3 चरणों के मुकाबले वृद्धि देखने को मिली है। ए.डी.आर. का मानना है कि चुनाव आयोग, सुप्रीम कोर्ट एवं सामाजिक संगठनों के तमाम प्रयासों के बाद भी बाहुबली और धनबलियों के प्रतिशत में गिरावट नहीं आ रही है जो लोकतंत्र के लिए घातक है। उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक मामलों में स्वामी सच्चिदानंद हरी साक्षी पहले स्थान पर हैं, जो उन्नाव से भाजपा प्रत्याशी हैं। दूसरे नम्बर पर फरुर्खाबाद से प्रसपा के उम्मीदवार उदय पाल सिंह जबकि तीसरे नम्बर पर कानपुर से जन पार्टी के आलोक कुमार हैं।