किसानों की ‘कर्जमाफी’ के लिए Action में योगी सरकार, विभिन्न प्रस्तावों पर विचार

Edited By ,Updated: 29 Mar, 2017 09:04 AM

yogi sarkar in action for farmers debt waiver

उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार अपने चुनाव घोषणापत्र के प्रमुख वादे यानी किसानों की कर्ज माफी के लिए विभिन्न प्रस्तावों पर विचार कर रही है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार अपने चुनाव घोषणापत्र के प्रमुख वादे यानी किसानों की कर्ज माफी के लिए विभिन्न प्रस्तावों पर विचार कर रही है। वित्त विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार प्रदेश के वित्त मंत्री  राजेश अग्रवाल राज्य के सभी लघु एवं सीमान्त कृषकों के बैंकों के माध्यम से लिए गए फसली कर्ज की माफी एवं बजट तैयार करने के लिए लगातार सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकरियों के साथ बैठकें कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राज्य के किसानों की दयनीय स्थिति में सुधार के संकल्प को पूरा करने के लिए प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार कृतसंकल्प है। इसके मद्देनजर बैठकों में किसानों की कर्ज माफी के विभिन्न प्रस्तावों पर विचार किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि किसानों के कर्जमाफी के फलस्वरूप माफ की गई धनराशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा बैंकों को किया जाएगा। सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के लागू होने के कारण राज्य पर लगभग 25 हजार करोड़ रुपए प्रतिवर्ष अतिरिक्त व्यय भार आ गया है। साथ ही, लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 में एेसी अनेक प्रतिबद्घताएं हैं जिन्हें पूरा करने के लिए सरकार को काफी वित्तीय बोझ उठाना पड़ेगा।

वित्त विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि किसानों का रिण माफ करने के लिए राज्य सरकार को अतिरिक्त कर्ज की आवश्यकता होगी। इसके लिए राज्य सरकार केन्द्र सरकार से अतिरिक्त रिण के लिए किए जाने वाले बॉंड्स की धनराशि तथा उस पर लगने वाले ब्याज को एफआरबीएम एक्ट के अन्तर्गत निर्धारित कर्ज सीमा से बाहर रखने का अनुरोध करेगी। क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया के माध्यम से बॉड निर्गत किए जाने के लिए केन्द्र सरकार की अनुमति प्राप्त की जानी आवश्यक है।

ज्ञातव्य है कि सत्तारूढ़ भाजपा ने लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 में प्रदेश के लघु एवं सीमान्त कृषकों के फसली कर्जों को माफ करने का संकल्प लिया है। प्रदेश में इस वक्त लगभग 2 करोड़ 30 लाख किसान हैं। प्रदेश में लघु एवं सीमान्त कृषकों की कुल संख्या 2.15 करोड़ है। प्रदेश में वर्ष 2013-14 के रबी मौसम से 2015-16 के रबी मौसम तक लगातार दैवीय आपदाआें के कारण फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता अत्यधिक प्रभावित रही है, जिसके कारण प्रदेश के विशेषकर लघु एवं सीमान्त कृषकों की आर्थिक दशा अत्यन्त गम्भीर हो गई है।

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