यूपीः कर्ज में डूबे 2 आैर किसानाें ने की आत्महत्या

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Aug, 2017 12:58 PM

up  two and immersed in debt  suicides

देशभर में किसानाें के आत्महत्या करने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। ताजा मामले में भी आर्थिक हालात से जूझ रहे दाे किसानाें ने माैत काे गले लगा लिया।

आगराः देशभर में किसानाें के आत्महत्या करने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। ताजा मामले में भी आर्थिक हालात से जूझ रहे दाे किसानाें ने माैत काे गले लगा लिया। 

आगरा में आलू की फसल में घाटे के चलते कर्ज में डूबे एक और किसान ने पेड़ की टहनी से गले में फंदा कसकर जान दे दी। मृतक पर आठ लाख रुपये बैंक कर्ज बताया गया है। अछनेरा के मांगरोल जाट निवासी 28 वर्षीय किसान फतेह सिंह गुरुवार शाम को घर से निकला था। रात भर नहीं लौटा। सुबह घर से करीब एक किमी दूर खेत पर उसका शव पेड़ से लटका मिला। उसने गले में रस्सी से फंदा कसकर जान दे दी थी।

आलू का भाव गिरने से वह परेशान 
बड़े भाई सियाराम ने पुलिस को बताया कि फतेह सिंह के हिस्से में तीन बीघा पैतृक जमीन थी। उसने आठ लाख रुपये बैंक कर्ज ले रखा था। 10 बीघा खेत भेज (बटाई) पर लेकर आलू की फसल की थी। आलू के ढाई हजार कट्टे कोल्ड स्टोर में रखे हैं। आलू का भाव गिरने से वह परेशान था। साहूकारों का कर्ज चुकाने के लिए छह महीने पहले ढाई बीघा जमीन भी बेच दी थी। बैंक कर्ज और उस पर बढ़ते ब्याज से वह तनाव में था। 

बच्चाें की किताब नहीं खरीद पाने से था परेशान
ग्राम प्रधान मुरारी लाल का कहना है कि निजी स्कूल में पढ़ रहे आठ वर्षीय बेटे कुणाल और दो बेटी 14 वर्षीय तन्नू एवं 12 वर्षीय ज्योति की फीस और किताबों के लिए फतेह सिंह कई दिन से 10 हजार रुपये की व्यवस्था करने में लगा था। रकम का इंतजाम हो जाता तो शायद वह खुदकशी नहीं करता।

जौनपुर में तंगी व कर्ज से परेशान किसान ने लगाई फांसी
आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक किसान ने कर्ज जमा न कर पाने पर आखिरकार मौत को गले लगा लिया। ट्रैक्टर खरीदने के लिए फाइनेंस कंपनी से लिए गए लोन की किस्त जमा न कर पाने से वह तनाव में था। शुक्रवार की सुबह घर के समीप प्राथमिक विद्यालय के पास उसका शव पेड़ से लटका पाया गया। 

नगर कोतवाली क्षेत्र के चोरारी गांव निवासी बफाती उर्फ बब्बूदीन (50) के चार पुत्र और तीन पुत्रियां हैं, जो मुंबई में रहते हैं। बफाती घर पर पत्नी के साथ रहते थे। दिसंबर 2016 में बफाती ने कृषि कार्य के लिए जिला मुख्यालय स्थित एक प्राइवेट फाइनेंस कंपनी से कर्ज लेकर ट्रैक्टर खरीदा था। पत्नी के मुताबिक कंपनी से 16 हजार 200 रुपये के हिसाब से 34 किस्त बनाई गई, जिसे वह हर माह जमा कर रहे थे।

बब्बूदीन ने जून तक किस्त किसी तरह जमा की किंतु जुलाई से किस्त टूट गई। पत्नी का आरोप है कि किस्त देने के लिए फाइनेंस कंपनी से लगातार दबाव बनाया जा रहा था जिसे लेकर वे काफी परेशान चल रहे थे। इधर, शुक्रवार को भोर में बब्बूदीन घर से बोतल में पानी लेकर निकले तो पत्नी ने सोचा कि वह शौच के लिए जा रहे हैं। कुछ देर बाद लोगों ने घर से थोड़ी दूर विद्यालय के पास उनका शव लटकने की सूचना दी। किसान द्वारा आत्महत्या के मामले में मडिय़ाहूं विधायक लीला तिवारी ने कहा कि हम पूरे प्रकरण की जांच कराएंगे। 

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