तीन राज्यों के नतीजे आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के लिए अशुभ संकेत

Edited By Ajay kumar,Updated: 03 Mar, 2023 11:26 PM

results of three states ominous for congress for upcoming assembly elections

पूर्वोत्तर राज्यों के चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए न केवल निराशाजनक है बल्कि इसी वर्ष छह राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अशुभ संकेत भी हैं। यह तीनों राज्य गैर हिंदी भाषी थे और माना जा रहा था कि यहां पर कांग्रेस को सफलता मिलेगी लेकिन...

नई दिल्लीः पूर्वोत्तर राज्यों के चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए न केवल निराशाजनक है बल्कि इसी वर्ष छह राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अशुभ संकेत भी हैं। यह तीनों राज्य गैर हिंदी भाषी थे और माना जा रहा था कि यहां पर कांग्रेस को सफलता मिलेगी लेकिन नतीजों से यह सिद्ध हो गया कि विकास कार्यों को मतदाताओं ने तरजीह दी है। दूसरा कारण भाजपा का बेहतर चुनाव प्रबंधन भी था। त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय के चुनाव परिणामों को यदि कांग्रेस ने हल्के से लिया तो मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगना और मिजोरम विधानसभा के होने वाले चुनावों में भी नुकसान हो सकता है क्योंकि मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ यह बड़े राज्य है और इसमें राजस्थान व छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार भी है। वैसे तो त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड छोटे हैं लेकिन भाजपा का प्लस्पॉइंट यह है इनमें कांग्रेस को मिली पराजय को वह एक सूची संजीव प्रचार रणनीति के तहत 6 राज्यों में भुलाएगी। इस कार्य के लिए भाजपा के पास अच्छी मशीनरी है।

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राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस को थी बड़ी उम्मीदें
जिस तरह तीनों राज्यों में मोदी सरकार ने प्रत्येक 15वें दिन किसी केंद्रीय मंत्री के प्रवास का कार्यक्रम तय किया था ठीक उसी तरह अब 6 राज्यों में भी केंद्र सरकार नौ वर्ष की उपलब्धियों को प्रचारित करेगी। यदि विकास कार्य और बेहतर चुनाव प्रबंधन की शैली बीजेपी ने आगामी विधानसभा चुनावों में अपना ली तो कांग्रेस के लिए भारी पड़ेगा। कांग्रेस हल्के में निराशा का कारण यह भी है कि उनके कार्यकर्ताओं को
राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा से उम्मीदें थी लेकिन उक्त राज्यों के मतदाताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के कार्यों के आगे कांग्रेस को खारिज कर दिया है। भाजपा के लोग इसलिए ज्यादा उत्साहित है क्योंकि भाजपा के पास संगठन, नेतृत्व एवं सफल चुनाव प्रबंधन की रणनीति है। जिसका प्रयोग उसने गुजरात में किया था और 3 राज्यों के चुनाव परिणामों से यह सिद्ध हो गया है कि भाजपा अपनी उक्त रणनीति के तहत ही मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगना के चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के पास संगठन के साथ साथ कुशल रणनीतिकारों का भी अभाव है।

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आगामी 6 राज्यों के विधानसभा चुनावों में ताकत झोंकेगी भाजपा 
बीजेपी अब 6 राज्यों के विधानसभा चुनावों में अपनी संगठनात्मक क्षमता झोकेगी और केंद्र सरकार द्वारा 'सबका साथ सबका विकास की नीति के तहत किए गए कार्यों का बखान करेगी। जबकि कांग्रेस इस दौरान राहुल गांधी कि भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण के आयोजन में अपनी ताकत लगाएगी। पार्टी के एक सूत्र का यह भी कहना है कि हो सकता है कि अब पासीघाट से पोरबंदर तक भारत जोड़ो यात्रा को रद्द कर दिया जाए और 6 राज्यों के चुनाव में कांग्रेस जुट जाए।

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