बसपा की करारी हार के बाद मायावती भयभीत और चिंतित

Edited By ,Updated: 17 Mar, 2017 05:56 PM

mayawati is frightened and worried after the bsp  s defeat

बसपा सुप्रीमो मायावती उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की हुई सबसे बड़ी हार के बाद आसमान से नीचे गिर गई हैं। बसपा, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली सहित सभी राज्यों में बुरी तरह पराजित हुई है।

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की हुई सबसे बड़ी हार के बाद आसमान से नीचे गिर गई हैं। बसपा, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली सहित सभी राज्यों में बुरी तरह पराजित हुई है। बसपा की राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी शीघ्र खत्म हो जाएगा और उनकी अपनी राज्यसभा सीट भी खतरे में दिखाई देती है। बसपा के विधानसभा चुनाव में इतने अधिक विधायक नहीं हैं कि वे अप्रैल 2018 में मायावती को कार्यकाल पूरा करने के बाद फिर से राज्यसभा भेज सकें। 

403 सदस्यीय सदन में बसपा के केवल 19 विधायक हैं। राज्यसभा की सीट प्राप्त करने के लिए 34 विधायकों की जरूरत है। ऐसी कानाफूसी है कि भावी राजनीति की सूझबूझ के लिए बसपा नेताओं द्वारा समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ अनौपचारिक संपर्क कायम किए जा रहे हैं। अगर मायावती राज्यसभा में वापस लौटना चाहती हंै तो उन्हें सपा के सरप्लस वोटों के अलावा कांग्रेस के साथ और रालोद के एक विधायक के समर्थन की जरूरत होगी। उनके चहेते सतीश चंद्र मिश्रा जद (यू) नेताओं के साथ संपर्क में बताए जाते हैं जो मायावती और सपा के बीच एक सेतु का काम कर सकते हैं। 

ED ने कहा मायावती के भाई ने 840 करोड़ रुपए का ‘धन शोधन’ किया
मायावती के चिंतित होने का एक और भी कारण है। उनके भाई आनंद कुमार को अब एन्फोर्समेंट डायरैक्टोरेट (ई.डी.) और आयकर विभाग की जांच का सामना करना पड़ रहा है। दोनों एजैंसियों ने पाया है कि माया के भाई की आय 2007 में 7.5 करोड़ रुपये से बढ़कर 2014 में 1316 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। 

ईडी ने ने पता लगाया है कि कुमार ने कोलकाता की पेपर कंपनियों के जाली शेयरों की खरीद बिक्री से धन शोधन किया है। एजेंसियों और अन्य द्वारा सीए खातों की जांच से रहस्योद्घाटन हुआ है कि आनंद कुमार के खिलाफ धन शोधन एक्त के तहत 840 करोड़ रुपये का ठोस मामला बनता है। 

मालूम हुआ है कि यह जांच अगले तीन सप्ताह के भीतर पूरी कर ली जाएगी। यह एक अलग मुद्दा है कि मोदी सरकार राजनीतिक समर्थन के बदले में उनके भाई के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकती, यानि की मायावती को कांग्रेस, सपा, वामदलों के खिलाफ भाजपा की लड़ाई में निष्पक्ष रहना होगा। उनकी पार्टी को जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में भाजपा का समर्तन भी करना होगा। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!