ब्लड कैंसर से लड़ रहा सेना का जवान, PM से लगाई मदद की गुहार

Edited By ,Updated: 27 Apr, 2017 02:24 PM

army jawan facing blood cancer appealed pm for help

उत्तर प्रदेश के भौरासा गांव के रमाशंकर पाल 32वीं वाहिनी सशत्र सेना बल असम के हवली में पोस्टेड है।

वाराणसीः उत्तर प्रदेश के भौरासा गांव के रमाशंकर पाल 32वीं वाहिनी सशत्र सेना बल असम के हवली में पोस्टेड है। ब्लड कैंसर से जूझ रहे रमाशंकर पाल का गरीबी के चलते ठीक से इलाज नहीं हो पा रहा, हालांकि डिपार्टमेंट ने इन्हें 50,000 रुपए की मदद की पर इस भयंकर बीमारी का इलाज इतने में संभव नहीं है। अब रमाशंकर और उनके परिवार ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है कि वो इस बीमारी के इलाज में मदद करें ताकि रमाशंकर फिर से एक बार सीमा पर डट कर देश की सेवा कर सकें।

रमाशंकर पाल के मुताबिक, असम में तबियत खराब हाेने पर वह छुट्टी लेकर गांव आ गए। काफी इलाज के बाद भी जब वह ठीक नहीं हुए, तो परिवार के लोग उन्हें दिल्ली के तक्षशिला अस्पताल ले गए, जहां उन्हें ब्लड कैंसर हाेने का पता चला। वहां इलाज के लिए पहली बार में ही उनसे लगभग 2 लाख 11 हजार रुपए मांगे गए। पैसे न होने की वजह से वह 2 दिन पहले बीएचयू में एडमिट हुए। यहां ब्लड कैंसर का इलाज न होने और पैसे की कमी के कारण उन्हें छोटे से जिले भदोही के एक अस्पताल में ब्लड चढ़ाने के लिए भर्ती होना पड़ा।

रमाशंकर ने 2013 में सेना ज्वाइन की और 2014 में ट्रेनिंग पूरी होने पर वह असम चले गए। रमाशंकर के पिता मोनइ राम पाल किसान हैं और उनकी माली हालत ठीक नहीं है। अपने तीन भाइयों में रमाशंकर सबसे छोटे हैं। बीते 15 नवम्बर 2016 को जौनपुर के ही मड़ियाहू में उनकी शादी सुनीता से हुई है। परंपरा के अनुसार गौना ना होने के कारण उनकी पत्नी अभी भी मायके में ही है। रमाशंकर की मां ने बताया कि एसएसबी में जाने के बाद जब बेटा सीमा पर देशवासियो की रक्षा कर रहा था तो गर्व से मेरा सीना चौड़ा हो गया था और जब इस बीमारी से आज तिल-तिल मर रहा हैं तो कोई मदद नहीं कर रहा।

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