Edited By Jagdev Singh,Updated: 03 Oct, 2019 05:11 PM
सरकार की पहल से महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़कर न सिर्फ खुद को आत्मनिर्भर बना रही हैं, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी पेश कर रही हैं। कोडरमा जिले के सतगावां प्रखंड के पचमोह गांव की रहने वाली संगीता कुमारी। आर्थिक अभाव के कारण संगीता को कई...
कोडरमा: सरकार की पहल से महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़कर न सिर्फ खुद को आत्मनिर्भर बना रही हैं, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी पेश कर रही हैं। कोडरमा जिले के सतगावां प्रखंड के पचमोह गांव की रहने वाली संगीता कुमारी। आर्थिक अभाव के कारण संगीता को कई परेशानियों से जूझना पड़ता था। गांव की महिलाओं ने संगीता को महिला मंडल से जुड़ने की सलाह दी। झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के सहयोग से संगीता स्वयं सहायता समूह से जुडी। समूह से बचत की आदत सीख संगीता ने महिला मंडल से लोन लेकर दुकान खोलाी और आज अच्छे से अपने परिवार का भरण पोषण कर रही है।
संगीता जिस समूह से जुडी उसका नाम लक्ष्मी आजीविका महिला मंडल है फिलहाल इस स्वयं सहायता समूह से 11 महिलाएं जुड़ी हैं। सभी महिलाएं हर सप्ताह नियत समय पर बैठक करती हैं और 10-10 रुपए जमा भी करती है। ऐसे में महिलाएं जरूरत के समय किसी को ऋण देती है तो एक एक मुट्ठी जमा किया गया चावल गरीबों की शादी ब्याह में काम आता है।
जिस समूह से संगीता जुड़ी है उस समूह की महिलाएं संगीता से खासी प्रभावित है। समूह के जरिए ही संगीता ने लोन लेकर दुकान खोली और सिलाई बुनाई करती हैं और सतगावां प्रखंड के कुछ महिलाओं को सिलाई भी सिखाती हैं। महिलाएं बताती हैं की समूह की जब बैठक होती है महिलाएं एक दूसरे की समस्याओं पर भी चर्चा करती हैं। गांव की समस्याओं को भी लेकर महिलाएं बैठक में चर्चा करते हुए उसका निपटारा करती हैं।
संगीता महिलाओं के साथ मिलकर स्कूल ड्रेस बनाती हैं और हाल ही में उसे मिटटी की डॉक्टर की ट्रेंनिग भी दी गई है। जिस तरह से मजबूरी और बंदिशों से लड़ती हुई कोडरमा की संगीता ने आज अपनी राहें आसान कर ली है वही गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी हैं। स्वयं सहायता समूह के जरिये सरकार का प्रयास है की महिलाओ में बचत की आदत बने और कुछ कर गुजरने की तमन्ना रखने वाली महिलाएं आत्मनिर्भर बने।