Edited By Nitika,Updated: 13 Mar, 2020 06:25 PM
जैसे कि सब जानते है कि राज्यसभा में खाली हुई बिहार की पांच सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं। वहीं राजद ने प्रेमचंद्र गुप्ता और अमरेंद्रधारी सिंह को राज्यसभा सीटों पर उतारा, जो कि भूमिहार और कारोबारी नेता हैं।
पटनाः जैसे कि सब जानते है कि राज्यसभा में खाली हुई बिहार की पांच सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं। वहीं राजद ने प्रेमचंद्र गुप्ता और अमरेंद्रधारी सिंह को राज्यसभा सीटों पर उतारा, जो कि भूमिहार और कारोबारी नेता हैं। ऐसा माना जा रहा है कि राजद नेता तेजस्वी यादव ऐसे सवर्णों को तवज्जों देकर वोट बैंक हासिल करने में लगे हैं।
दरअसल, बिहार में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अकसर MY समीकरण को पहल दी जाती थी। वहीं इस बार राजद ने महागठबंधन में शामिल बाकी दलों की परवाह न करते हुए भूमिहार और कारोबारी नेताओं को राज्यसभा में भेजा है। जिससे ये साफ जाहिर होता है कि तेजस्वी यादव इस साल होने विधानसभा चुनाव के लिए वोट बैंक हासिल की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, राजद द्वारा घोषित किए गए राज्यसभा उम्मीदवारों को लेकर कांग्रेस खासे नाराज है।
लालू यादव ने शरद यादव को दिया धोखाः एलजेडी
वहीं दूसरी ओर राजद के बेहद करीबी माने जाने वाले शरद याद की पार्टी लोक जनतांत्रिक दल ने भी नाराजगी व्यक्त की है। एलजेडी प्रदेश उपाध्यक्ष बीनू यादव ने कहा कि पिछले दिनों शरद यादव ने रिम्स में भर्ती लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की थी। तब लालू यादव ने उन्हें राज्यसभा भेजने का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि लालू यादव ने शरद यादव को धोखा दिया है। इसके साथ ही उन्होंने लालू यादव पर पैसे लेकर टिकट बेचने का आरोप भी लगाया है।
महागठबंधन में दरार
बता दें कि राज्यसभा सीटों को लेकर बिहार महागठबंधन में पिछले दिनों खूब खींचतान चली। महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने राजद को उसका वादा याद दिलाते हुए पत्र लिखा और एक सीट की मांग भी की। इसके बाद कांग्रेस ने नाराजगी जताते हुए राजद पर वादा खिलाफी का आरोप भी लगाया। वहीं अब देखा जा रहा है कि राजद नेता तेजस्वी यादव अलग ही राह पर चलकर वोट बैंक जुटाने में लगे हैं।