Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Mar, 2018 04:11 PM
उत्तर प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को सपा, बसपा और कांग्रेस सदस्यों ने सत्तारूढ़ भाजपा पर किसानों से जुड़े मसलों को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाते हुए सदन से बहिर्गमन किया।
लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को सपा, बसपा और कांग्रेस सदस्यों ने सत्तारूढ़ भाजपा पर किसानों से जुड़े मसलों को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाते हुए सदन से बहिर्गमन किया।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल का उत्तर देते हुए पूर्ववर्ती सपा सरकार का जिक्र किया। इस पर सदन में सपा और विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने आपत्ति जताते हुए राज्य सरकार पर कालाबाजारी करने वालों से साठगांठ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ललित मोदी, नीरव मोदी और ना जाने कितने लोग आपकी सरकार कालाबाजारियों से मिली हुई है। सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब देने के प्रति गंभीर नहीं है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि चौधरी की टिप्पणियां किसानों के संदर्भ में नहीं हैं। बाद में सपा सदस्य सरकार पर किसानों की समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं होने का आरोप लगाते हुए सदन से बाहर चले गए।
इस बीच, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार ‘लल्लू‘ ने कहा कि मौजूदा योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में किसानों द्वारा आत्महत्या की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। ललितपुर, महोबा और सीतापुर जिलों में ऐसे मामले सामने आए हैं, लेकिन सरकार ने ऐसी घटनाएं रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। यह कहते हुए वह भी अपने साथी कांग्रेस सदस्यों के साथ सदन से बहिर्गमन कर गए।
बसपा नेता सुखदेव राजभर ने कहा कि किसानों की समस्याओं का मुद्दा सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, लिहाजा विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित इस पर एक घंटे की चर्चा को मंजूरी दे दें। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अनुमति ना दिए जाने पर बसपा के सभी सदस्य सदन से बाहर चले गए।