Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jan, 2018 05:22 PM
उत्तराखंड की राजधानी में सिटी बसों में महिलाओं के साथ अक्सर छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आने लग गई है। सिटी बसों में महिलाओं को सुरक्षा का माहौल तैयार करने के लिए सोमवार को राजधानी दून में ‘आवाज’ नाम का प्रोजेक्ट लांच किया। इसके तहत हर बस में 30 सीटी...
देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी में सिटी बसों में महिलाओं के साथ अक्सर छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आने लग गई है। सिटी बसों में महिलाओं को सुरक्षा का माहौल तैयार करने के लिए सोमवार को राजधानी दून में ‘आवाज’ नाम का प्रोजेक्ट लांच किया। इसके तहत हर बस में 30 सीटी लगाने की शुरूआत की गई।
एडीजीपी अशोक कुमार, डीआईजी केवल खुराना और एसएसपी देहरादून निवेदिता कुकरेती ने संयुक्त रूप से इस को लांच किया। इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ट्रैफिक निदेशालय और उत्तराखंड पुलिस ने एक नई शुरुआत की है। इस नई पहल में सिटी बसों की प्रत्येक सीट पर एक बटन लगाया गया है। इस बटन को बजाते ही बस के अंदर सीटी बजने लग जाएगी। किसी भी तरह की छेड़छाड़ होने पर महिला या छात्रा सीट पर लगे बटन को दबा सकेगी।
ट्रैफिक निदेशालय के निदेशक केवल खुराना ने बताया कि यह सीटी सीट के अगली तरफ लगी होगी और इसका उपयोग केवल महिलां ही कर सकती है। यात्रा के दौरान यदि कोई उनके साथ छेड़खानी या छीनने की कोशिश करता है तो वह सीटी बजाकर चालक और आस-पास के लोगों की मदद ले सकती है। सीटी बजने पर चालक बस को रोककर पीड़ित महिला की मदद के लिए आ जाएगा।
खुराना ने कहा कि वैसे तो तमाम बसों में कंट्रोल रूम और अधिकारियों के नंबर मोटे अक्षरों में लिखवाए जा रहे हैं लेकिन कई बार देखने में आता है कि पुलिस के आने से पहले ही आरोपी बस से उतरकर फरार हो जाता है। खुराना ने उम्मीद जताई कि यह प्रोजेक्ट काफी मददगार साबित होगा। इसके बाद चालक अन्य यात्रियों की मदद से आरोपी को पकड़ लेंगे। बता दें कि इस पहले चरण में राजधानी की 60 सिटी बसों में 1800 सीटियां लगाने की तैयारी है।