Edited By Nitika,Updated: 14 Jun, 2022 12:44 PM
उत्तराखंड समेकित सहकारी विकास परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक व सहकारिता सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम की मौजूदगी में मत्स्य विभाग ने विभाग का प्रेजेंटेशन पेश किया।
देहरादून(कुलदीप रावत): उत्तराखंड समेकित सहकारी विकास परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक व सहकारिता सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम की मौजूदगी में मत्स्य विभाग ने विभाग का प्रेजेंटेशन पेश किया। उसमें मत्स्य की परियोजना निदेशक अल्पना हल्दिया ने बताया कि ट्राउट फिश की फार्मिंग मत्स्य विभाग यूकेसीडीपी के सहयोग से 7 जनपदों में चला रहा है। 200 टन वर्तमान समय में ट्राउट फिश की फार्मिंग हो रही है। इसको इन्हीं जगहों पर विस्तार देते हुए फार्मिंग बढ़ाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कहा कि 7 जनपदों में ट्राउट फिश की फार्मिंग 700 टन तक बढ़ाई जाए, जिससे इसकी डिमांड पूरी की जा सके। गौरतलब है कि ट्राउट फिश ठंडे इलाकों में पाई जाती है। इसके लिए ठंडा अविरल बहता जल जरूरी है। 1910 में प्रकाशित वॉल्टन अपनी किताब में लिखते हैं कि देहरादून की तमाम नदियों के लिए अंग्रेज 1905 में इसके बीज इंग्लैंड से लाए थे। तब से इस ट्राउट फिश यहां प्रसिद्ध हो गई। इसकी जबरदस्त डिमांड है। कद्रदान इसका स्वाद स्वादिष्ट बताते हैं। ऐसा विज्ञान का तर्क है कि ट्राउट फिश शरीर की कई बीमारियां भी दूर कर देती हैं।
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत इस ट्राउट फिश से गांव के ग्रामीणों का रोजगार दोगुना करना चाहते हैं। उन्होंने ऊंचे और ठंडे इलाकों में सहकारी समिति के माध्यम से समय-समय में समीक्षा बैठक में इसकी फार्मिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। प्रोजेक्ट डायरेक्टर मत्स्य अल्पना हल्दिया ने बताया कि ट्राउट फिश की टिहरी उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, देहरादून, बागेश्वर, पिथौरागढ़ के ठंडे इलाकों में फार्मिंग की जा रही है। ट्राउट 600 रुपए से 1000 प्रति किलो तक आसानी से बिक जाती है। हिमालयन फिश नाम से इसकी डिमांड महानगरों में अधिक है।
सचिव पुरुषोत्तम ने मत्स्य पालकों को एफएफडीए से भुगतान करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने 7 एफआईयू जो बनाए जा रहे हैं, उन पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए। देहरादून में मत्स्य विभाग की प्रोसेसिंग प्लांट यूनिट की स्थापना हो रही है, जिसमें 10 टन मछली की फार्मिंग प्रतिदिन होगी। मुख्य परियोजना निदेशक पुरषोत्तम ने मत्स्य अफसरों को इस पर लक्ष्य के साथ काम करने के निर्देश दिए हैं।