Edited By Nitika,Updated: 27 Sep, 2019 10:51 AM
उत्तराखंड के राजनीतिक इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब विपक्ष की शिकायत लेकर सत्ता पक्ष राजभवन पहुंचा हो। भाजपा ने कांग्रेस पर राज्य सरकार के जनहित के कदमों को बाधित करने और उसके खिलाफ दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया।
देहरादूनः उत्तराखंड के राजनीतिक इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब विपक्ष की शिकायत लेकर सत्ता पक्ष राजभवन पहुंचा हो। भाजपा ने कांग्रेस पर राज्य सरकार के जनहित के कदमों को बाधित करने और उसके खिलाफ दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया। इसके साथ ही राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और प्रदेश चुनाव आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट से मुलाकात कर अपनी शिकायत दर्ज करवाई।
जानकारी के अनुसार, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के नेतृत्व में पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस जनविरोधी कार्य कर रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी कांग्रेस चुनाव आचार संहिता का बहाना लेकर राज्य में चल रही मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना को रुकवाना चाहती है जबकि यह योजना चुनाव आचार संहिता लगने से पहले ही राज्य में लागू हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि योजना के तहत राज्य में राशन कार्ड धारकों को रियायती दरों पर हर महीने 2 किलो दाल उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके साथ ही कांग्रेस गरीबों की हितकारी इस योजना को बाधित करना चाहती है।
अजय भट्ट ने कहा कि वर्तमान में पंचायत चुनावों की प्रक्रिया जारी होने के चलते हम कांग्रेस को बेनकाब करने के लिए प्रदर्शन या कोई अन्य आंदोलनकारी कदम नहीं उठा सकते, इसलिए हमने अपनी बात राज्य के संवैधानिक प्रमुख के समक्ष रखी है। राज्यपाल से मिलने के बाद भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति प्रसाद गैरोला के नेतृत्व में राज्य चुनाव आयुक्त चन्द्र शेखर भट्ट से मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपा। गैरोला ने कहा कि उत्तराखंड में पंचायत चुनावों की अधिसूचना 13 सितंबर को लागू हुई थी जबकि मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना 12 सितंबर को लागू की गई।