Edited By Ramanjot,Updated: 26 Sep, 2022 10:45 AM
पौड़ी जिले के यमकेश्वर में गंगा भोगपुर में वनतारा रिजॉर्ट में रिसेप्शिनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीय अंकिता का शव शनिवार को ऋषिकेश के समीप चीला नहर से बरामद किया गया था। इससे पहले, पिछले पांच दिनों से अंकिता की गुमशुदगी के मामले में...
देहरादूनः हत्या के आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे अंकिता भंडारी के परिजनों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इंसाफ का आश्वासन मिलने के बाद रविवार शाम पौड़ी जिले के श्रीनगर में अलकनंदा नदी के तट पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
पौड़ी जिले के यमकेश्वर में गंगा भोगपुर में वनतारा रिजॉर्ट में रिसेप्शिनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीय अंकिता का शव शनिवार को ऋषिकेश के समीप चीला नहर से बरामद किया गया था। इससे पहले, पिछले पांच दिनों से अंकिता की गुमशुदगी के मामले में शुक्रवार को गिरफ्तार तीनों आरोपियों- रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता ने उसे नहर में धकेलकर उसकी हत्या की बात स्वीकार की थी। मुख्य आरोपी पुलकित हरिद्वार के पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य का पुत्र है। घटना के सामने आने के बाद भाजपा ने आर्य को तत्काल पार्टी से निष्कासित कर दिया।
ऐसा दावा किया जा रहा है कि पुलकित तथा रिजॉर्ट के दो आरोपी कर्मचारियों ने पूछताछ में बताया कि अंकिता से विवाद होने के कारण उन्होंने उसकी हत्या की। आरोपी पहले अंकिता को ऋषिकेश लेकर गए और वहां उसे चीला नहर में फेंक दिया। श्रीनगर में एनआइटी घाट पर अंकिता के भाई अजय सिंह भंडारी ने उसके शव को मुखाग्नि दी। इस दौरान गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार और पौडी के जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे भी मौजूद थे। इससे पहले, अंकिता के परिवार वालों ने अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट न आने और उसे सार्वजनिक न किए जाने तक उसकी अंत्येष्टि से इनकार किया था।
हालांकि, प्रशासन के समझाने और घटना की जांच कर आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने का पूरा प्रयास करने का मुख्यमंत्री का संदेश मिलने पर वे अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए। अंकिता की प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी हत्या से पहले उसे चोट पहुंचाए जाने की बात कही गई है। हालांकि, रिपोर्ट में उसकी मौत का कारण पानी में डूबना बताया गया है। अंकिता हत्याकांड के विरोध में श्रीनगर में दुकानें और बाजार बंद रहे। अंकिता के गांव श्रीकोट से करीब 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित श्रीनगर में दिन में लोगों ने ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग कई घंटे के लिए अवरुद्ध कर दिया। लोगों ने सरकार से अंकिता के परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा तथा परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की।