गोवंश पालकों की आय बढ़ाने में जुटी योगी सरकार, दुग्ध उत्पादन में होगी 15 प्रतिशत बढ़ोतरी

Edited By Ajay kumar,Updated: 30 Aug, 2023 08:37 PM

yogi government engaged in increasing the income of cattle rearers

उत्तर प्रदेश सरकार गोवंश पालकों की आय बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है और सरकार का संरक्षण एवं संवर्धन तथा गोपालकों की आय में वृद्धि करते हुए दूध उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश को सिरमौर बनाना प्राथमिकता का विषय है और इसके साथ ही दूध उत्पादन तथा...

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश सरकार गोवंश पालकों की आय बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है और सरकार का संरक्षण एवं संवर्धन तथा गोपालकों की आय में वृद्धि करते हुए दूध उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश को सिरमौर बनाना प्राथमिकता का विषय है और इसके साथ ही दूध उत्पादन तथा गोपालकों की आय में वृद्धि के लिए सरकार लिंग वर्गीकृत सीमन से पशुओं का गर्भाधान कराने पर विशेष जोर दे रही है।

निराश्रित गोवंश की संख्या में 40 फीसद तक आएगी कमी
गोरखपुर मुख्यालय के उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी प्रभारी डॉ. संजय श्रीवास्तव ने बुधवार को बताया कि बलिंग वर्गीकृत सीमेन के प्रयोग से 90 फीसद उत्कृष्ट बछिया ही उत्पन्न होने की संभावना होती है और इस आधार पर अनुमान लगाया जाता है कि इससे पशुपालक को प्रतिवर्ष दुग्ध उत्पादन में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी तथा साथ ही निराश्रित गोवंश की संख्या में 40 फीसद तक कमी आएगी।

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कृत्रिम गर्भाधान का शुल्क किया गया कम
उन्होंने बताया कि दो माह के अंदर गर्भ परीक्षण कर पशुपालक द्वारा पूरी ब्यात का 20 से 25 प्रतिशत दूध बढ़ाया जा सकता है। वर्तमान में वर्गीकृत सीमेन से किए जाने वाले कृत्रिम गर्भाधान का शुल्क 300 से घटाकर 100 रुपये कर दिया गया है। वर्गीकृत सीमेन से उन्नत नस्ल की बछिया आएंगी जो जल्दी गाभिन होंगी जिसके परिणामस्वरूप दूध उत्पादन में वृद्धि होगी। यही नहीं कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता द्वारा भारत पशुधन एप पर समयवद्ध प्रविष्टि करने पर 250 से लेकर 350 रुपये तक प्रति संतति प्रोत्साहन राशि भी मिलती है।

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राज्य में गायों की संख्या बढ़ाने को लेकर काम कर रही सरकार
श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश सरकार राज्य में गायों की संख्या बढ़ाने को लेकर काम कर रही है। साथ ही गोवंश के नस्ल सुधार को लेकर भी प्रयास जारी हैं। इन दोनों लक्ष्यों को हासिल करने के लिए लिंग वर्गीकृत सीमेन से कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे 100 रुपये के खर्च पर बछिया के जन्म की गारंटी के साथ ही गोवंश के नस्ल को भी सुधारा जा सकता है। लिंग वर्गीकृत सीमेन के माध्यम से पशुओं के वीर्य से नर शुक्राणुओं को अलग कर लिया जाता है जिससे यह सुनिश्चित हो जाता है कि बछिया ही पैदा होगी।

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बछिया अधिक होने पर दूध उत्पादन बढ़ेगा
उन्होंने बताया कि बछिया अधिक होने पर दूध उत्पादन बढ़ेगा और नर गोवंश जो बाद में छुट्टा अवस्था में आ जाते हैं उनकी संख्या कम होने से उनके प्रबंधन की समस्या कम होगी। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से 31 जुलाई तक गोरखपुर मंडल में कुल 4561 गायों का लिंग वर्गीकृत सीमेन से कृत्रिम गर्भाधान कराया गया है। गोरखपुर में 1657 देवरिया में 1154 कुशीनगर में 1088 व महराजगंज में 662 गायें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन गायों में से जिनका प्रसवकाल पूरा हो गया है उनसे अब तक जो संतति पैदा हुई है उसमें 90 प्रतिशत बछिया हैं। 

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